कार्तिक महीना: बुधवार को गणपति पूजन से मंदबुद्धि भी बन जाते हैं सयाने…
कार्तिक महीने में कृष्ण षष्ठी के दिन बुधवार को गणपति महाराज की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। भगवान श्रीगणेश को बुध ग्रह का देवता माना गया है। ऐसे में गणपति की पूजा करने से शुभता का वास होता है। भगवान गणेश को गजमुख, विनायक, शोक नाशक, अज्ञान नाशी,गुण नायक आदि नामों से पुकारा जाता है। भगवान गणेश रिद्धि—सिद्धि के स्वामी हैं।
सृष्टि के समस्त देवों में सबसे पहले श्री गणेश की ही पूजा होती है। यही नहीं किसी कार्य के शुरूआत को ही “श्रीगणेश” शब्द का नाम दिया जाता है। बिना बुद्धि के किसी भी काम में सफलता नहीं पाई जा सकती है। ऐसे में किसी भी कार्य की सफलता के लिए बुद्धि—विवेक का होना परम अनिवार्य माना गया है।
शास्त्रों में उल्लेखित है कि कार्तिक मास में बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जातक कुशाग्र बुद्धि का स्वामी बन जाता है और हर जगह सफलता ही प्राप्त होती है। यही नहीं मंद बुद्धि भी बुद्धिमान हो जाते हैं। नासमझ को अकल आनी शुरू हो जाती है।
पूजा विधि:
भगवान गणेश के समक्ष कांसे के दीए में गाय के घी का दीपक जलाएं। सुंगधित धूप और पालक पत्ता अर्पित करें। इलायची का भोग लगाएं। गोलोचन भी चढ़ाएं।
बुं बुद्धिप्रियाय बीजापूरकराय नमः मंत्र के साथ एक माला जाप करें। भगवान गणपति की पूजा करने के बाद इलायची का सेवन जरूर करें।
पूजा मुहूर्त: रात 8 बजकर 05 मिनट से रात 9 बजकर 05 मिनट तक।