गंगा सप्तमी का पर्व आज, जानिए पापों से मुक्ति पाने के मंत्र
आपको बता दें, कि हिंदू धर्म में वैसे तो कई सारे पर्व और त्योहार बनाया जाता हैं,मगर वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। वही इस पावन दिन पर गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व होता हैं वही गंगा में स्नान करने से पहले मां गंगा को प्रणाम अवश्य ही करना चाहिए। वही हमें हमेशा जल धारा या फिर सूर्य की ओर मुंह करके ही स्नान करना चाहिए। वही गंगा में जब भी आप डुबकी लगाएं तो इन तीन डुबकियों को लगाना कभी न भूलें। वही एक डुबकी देवी देवताओं के नाम पर लगाएं वही एक अपने पुरखों के नाम से और एक अपने परिवार के नाम से अवश्य ही लगाएं।
वही पृथ्वी पर कई तीर्थों में नदी तीर्थ का अपना विशेष स्थान होता हैं,वही हिंदू धर्म में नदियों को माता के रूप में माना जाता हैं वही एक पावन तिथि पर एक विशेष घड़ी में इन नदियों में स्नान का विशेष महत्व बताया गया हैं। वही ऐसे मे गंगा सप्तमी मतलब मां गंगा के अवतरण वाले दिन गंगा जी में स्नान करते वक्त इन मंत्रों का जाप व्यक्ति की हर इच्छा और मनोकामना पूर्ण कर सकता हैं। वही व्यक्ति को मोक्ष प्रदान करता हैं। तो आइए जानते हैं,कि वो कौन से मंत्र होते हैं।
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।।
वही गंगा सप्तमी के दिन मां गंगा की कृपा और पापों से मुक्ति पाने के लिए इस विशेष मंत्र का पाठ अवश्य ही करें। वही श्रद्धा और भक्ति के साथ इस मंत्र का जाप पापों से मुक्त करता हुआ जीवन को मंगलमय बनाता हैं।