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Ganesha gita: संक्षिप्त में जानिए श्री गणेशगीता के बारे में, स्वयं गणपति ने दिया है उपदेश

हिंदू धर्म में श्रीमद्भगवद्गीता को विशेष महत्व दिया जाता हैं इसमें 18 अध्यायों में 700 श्लोक हैं लेकिन श्री गणेश गीता का ज्ञान स्वयं गणपति ने युद्ध के बाद राजा वरेण्य को दिया था। गणेशगीता के 11 अध्यायों मे 414 श्लोक हैं तो आज हम आपको संक्षिप्त में गणेश गीता के बारे में बताने जा
Ganesha gita: संक्षिप्त में जानिए श्री गणेशगीता के बारे में, स्वयं गणपति ने दिया है उपदेश

हिंदू धर्म में श्रीमद्भगवद्गीता को विशेष महत्व दिया जाता हैं इसमें 18 अध्यायों में 700 श्लोक हैं लेकिन श्री गणेश गीता का ज्ञान स्वयं गणपति ने युद्ध के बाद राजा वरेण्य को दिया था। गणेशगीता के 11 अध्यायों मे 414 श्लोक हैं तो आज हम आपको संक्षिप्त में गणेश गीता के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।Ganesha gita: संक्षिप्त में जानिए श्री गणेशगीता के बारे में, स्वयं गणपति ने दिया है उपदेश

गणेशगीता का प्रथम अध्याय सांख्यसारार्थ नामक हैं इसमें श्री गणेश ने राजा वरेण्य को शांति का मार्ग बताया था। दूसरा अध्याय कर्मयोग नामक है। इसमें श्री गणेश भगवान ने राजा वरेण्य को कर्म के मर्म का उपदेश दिया था। तीसरा अध्याय विज्ञानयोग नामक हैGanesha gita: संक्षिप्त में जानिए श्री गणेशगीता के बारे में, स्वयं गणपति ने दिया है उपदेश इसमें श्री गणेश ने राजा वरेण्य को अपने अवतार धारण करने का रहस्य बताया था। वैधसंन्यासयोग नाम के चौथे अध्याय में राजा वरेण्य को योगाभ्यास और प्राणायाम से संबंधित कई महत्वपूर्ण बातें बताई थी। योगवृत्तिप्रशंसनयोग नाम के पांचवें अध्याय में योगाभ्यास के अनुकूल प्रतिकूल देश काल पात्र के बरे में बताया था।Ganesha gita: संक्षिप्त में जानिए श्री गणेशगीता के बारे में, स्वयं गणपति ने दिया है उपदेश

वही बुद्धियोग नामक छठे अध्याय में भी श्री गणेश भगवान ने राजा वरेण्य को बताया कि व्यक्ति में मुझे यानी ईश्वर को जानने की इच्छा तब उत्पन्न होती हैं जब किसी सत्कर्म का प्रभाव होता हैं जैसा भाव होता है उसके अनुरूप ही मैं उसकी इच्छा पूरी करता हूं। Ganesha gita: संक्षिप्त में जानिए श्री गणेशगीता के बारे में, स्वयं गणपति ने दिया है उपदेशअंत में जो लोग मेरी इच्छा करता है और मुझमें लीन हो जाता है उनका योग क्षेम मैं स्वयं वहन करता हूं। सातवें यानी उपासनायोग नामक अध्यानय में श्री गणेश भगवान ने राजा को भक्तियोग का वर्णन किया हैं। विश्वरूपदर्शनयोग नाम के आठवें अध्याय में श्री गणेश ने राजा को अपने विराट रूप के दर्शन कराएं थे।Ganesha gita: संक्षिप्त में जानिए श्री गणेशगीता के बारे में, स्वयं गणपति ने दिया है उपदेश

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