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क्या है भगवान गणेश के एक दंत धारक होने की पौराणिक कथा, जानिए

हर किसी के मन में यह सवाल उठता हैं कि देवी देवताओं की कथा कहा से आती हैं जो हर व्रत त्योहार को एक कथा की जाती हैं वो सबसे पहले किसने किसको सुनाई होगी। अगर आपके मन में भी यह सावल हैं तो आपको पुराण पढ़ना जरूरी हैं बहुत से लोगों ने केवल गरुड़
क्या है भगवान गणेश के एक दंत धारक होने की पौराणिक कथा, जानिए

हर किसी के मन में यह सवाल उठता हैं कि देवी देवताओं की कथा कहा से आती हैं जो हर व्रत त्योहार को एक कथा की जाती हैं वो सबसे पहले किसने किसको सुनाई होगी। अगर आपके मन में भी यह सावल हैं तो आपको पुराण पढ़ना जरूरी हैं बहुत से लोगों ने केवल गरुड़ पुराण के बारे में ही सुना होता हैं। वो भी जब किसी रिश्तेदार के घर किसी का शोक मनाने जाते हैं और वहां पंडित गरुड़ पुराण पढ़ते नजर आते हैं।क्या है भगवान गणेश के एक दंत धारक होने की पौराणिक कथा, जानिए आपको बता दें कि कुछ 18 पुराण हैं महर्षि वेदव्यास जी को इन पुराणों की रचना का श्रेय दिया जाता हैं 18 पुराणों में देवी देवताओं को आदर्श मानते हुए उनसे जुड़ी बातें सविस्तार बताई गई हैं जिससे सुनने वाले पाप पुण्य का फेर समझ सकें। इन्हीं सब में से एक है गणेश पुराण।क्या है भगवान गणेश के एक दंत धारक होने की पौराणिक कथा, जानिए

वही गणेश पुराण में पांच खंड हैं, पहला खंड आरंभ खंड हैं, दूसरा खंड परिचय बतात हुआ परिचय खंड हैं सभी खंडों में कथाओं के माध्यम से श्री गणेश की लीलाओं का वर्णन हैं, तीसरा खंड माता पार्वती पर आधारित खंड हैं इसमें पार्वती जी के जन्म, शिव विवाह की कहानी हैं, कार्तिकेय के जन्म की कहानी भी इसी खंड में आती हैं। युद्ध खंड में मत्सर असुर की कहानी भी हैं, पांचवा खंड शिव पुण्य कथा पर आधारित खंड हैं इस युग में सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग के बारे में भी कहानियां शामिल की गई। कई कथाों का वर्णन इसमें मिलता हैं।क्या है भगवान गणेश के एक दंत धारक होने की पौराणिक कथा, जानिए

श्री गणेश जी से जुड़ी कई तरह की कहानियां गणेश पुराण में मिलती हैं जैसे गणेश जी के एकदंत नाम पड़ने की कहानी भी यहां दी गई हैं। इसमें भी कई तरह की कहानियां हैं जैसे एक जगह कहा गया हैं कि गणेश जी महाभारत लिख रहे थे उन्हें लिखने के लिए कलम की जरूरत थी और उन्होंने अपने एक दांत को कलम बनाया। गणेश पुराण में एक कथा गजमुखासुर की भी मिलती हैं कथा यह हैं कि इस राक्षस को किसी भी अस्त्र शस्त्र से ना मारे जा सकने का वरदान था। भगवान गणेश ने अपने दांत से इसका वध किया था।क्या है भगवान गणेश के एक दंत धारक होने की पौराणिक कथा, जानिए

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