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रेड डी हिमालया बुधवार से, मथाई, अमित्राजीत और सेरिंग खिताब के दावेदार

दुनिया की सबसे कठिन 10 रैलियों में शामिल रेड डी हिमालया का 20वां संस्करण बुधवार से यहां शुरू होगा। भारतीय मोटरस्पोर्ट्स जगत की इस सबसे प्रतिष्ठित रैली में देश और दुनिया के शीर्ष चालक विभिन्न वर्गो में वर्चस्व की लड़ाई करते दिखेंगे। फिलिपोस मथाई, अमित्राजीत घोष (दोनों टीम महेंद्रा), 2015 में रेड खिताब जीतने वाले
रेड डी हिमालया बुधवार से, मथाई, अमित्राजीत और सेरिंग खिताब के दावेदार

दुनिया की सबसे कठिन 10 रैलियों में शामिल रेड डी हिमालया का 20वां संस्करण बुधवार से यहां शुरू होगा। भारतीय मोटरस्पोर्ट्स जगत की इस सबसे प्रतिष्ठित रैली में देश और दुनिया के शीर्ष चालक विभिन्न वर्गो में वर्चस्व की लड़ाई करते दिखेंगे। फिलिपोस मथाई, अमित्राजीत घोष (दोनों टीम महेंद्रा), 2015 में रेड खिताब जीतने वाले लाखपा सेरिंग और 2017 के उपविजेता संजय राजदान और तीसरे स्थान पर रहे संजय अग्रवाल इस साल इस रैली में हिस्सा ले रहे 230 चालकों में प्रमुख नाम हैं।

इस साल एक्सट्रीम कार्स एंड ट्रक्स कटेगरी में 31, एक्सट्रीम मोटरसाइकिल्स एंड क्वाड्स कटेगरी में 37, अल्पाइन टू-व्हीलर कटेगरी में 12 और एडवेंचर ट्रायल कटेगरी में 31 टीमें हिस्सा ले रही हैं।

इन टीमों को रैली जीतने के लिए खुद को शारीरिक और मानसिक तौर पर साबित करना होगा क्योंकि इस साल रैली का कोर्स बदल गया है और बीते सालों की तरह यह रैली मनाली से न शुरू होकर लेह से शुरू हो रही है और कारगिल, जांस्कार तथा लद्दाख सेक्टरों से होकर गुजरेगी।

साल 2015 में इस रैली का चैम्पियन बनकर उभरे अरुणाचल के 45 साल के सेरिंग ने हमेशा ही इस तरह की सड़कों पर शानदार इच्छाशक्ति और चालनक्षमता का परिचय दिया है। 20 साल की उम्र से रैलिंग कर रहे सेरिन ने कहा, “रैलिंग क्रिकेट या फिर टेनिस नहीं है, जहां 17-18 साल के लड़के चैम्पियन बनकर उभरते हैं। हाई एल्टीट्यूड रैलिंग में मेच्योरिटी, ब्रेन और फिजिकल फिटनेस की जरूरत होती है। यही नहीं, इन सबके अलावा इस तरह के आयोजनों में डर पर जीत जरूरी होता है।”

दूसरी ओर, मल्टीपल रैली और रेसिंग चैम्पियन टीम महेंद्रा के घोष ने कहा, “मैं काफी रोमांचित हूं। मैं अपनी टीम के लिए एक और रैली जीतने को लेकर आश्वस्त हूं।”

रैली का पहला चरण चालकों को लामायूरू (जिसे लद्दाख का मूनलैंड भी कहा जाता है) से फोटोक्सार तक ले जाएगा। इसके बाद वे नए अपग्रेडेड रोड पर जाएंगे और जांस्कार का रुख करेंगे। इसके बाद तमाम चालक सिरिसिर ला (समुद्र तल से 4805 मीटर की ऊंचाई पर स्थिति दर्रा) को पार करेंगे।

मजेदार बात यह है कि जितने भी अहम प्रतिभागी हैं, ने अलग-अलग वाहनों का चयन किया है और सभी वाहनों के साथ अलग तरह की निपुणता की जरूरत होती है। मथाई और घंष एक्सयूवी 500 पर सवार होंगे जबकि संजय राजदान मारुजि जिप्सी, संजय अग्रवाल ग्रैंड विटारा और सेरिंग पोलारिस आरजेडआर 1000 टर्बो डायनामिक्स पर सवार होंगे।

रेड डी हिमालया देश के अग्रणी मोटरस्पोर्ट्स क्लब-हिमालयन मोटरस्पोर्ट का फ्लैगशिप इवेंट है। इसके अध्यक्ष विजय परमार हैं। परमार ने कहा, “रेड-2018 में चालकों को धूल से भरी हाईएल्टीट्यूड सड़कें मिलेंगी। दुनिया की सबसे ऊंची क्रास कंट्री चैम्पियनशिप के दौरान चालको को अलग-अलग स्टेजों के दौरान विभिन्न चुनौतियों का सामना करना होगा।”

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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