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चैती छठ महापर्व: नहाय खाए के साथ आज से हुआ आरम्भ…

आपको बता दें,कि चैती छठ का महापर्व चार दिवसीय अनुष्ठान मंगलवार यानी की आज से आरम्भ हो चुका हैं वही व्रती नहाय खाए से अनुष्ठान का संकल्प लेंगे वही गंगा घाटों पर गंगा स्नान के बाद लौकी की सब्जी और अरवा चावल को ग्रहण करेंगें वही चैती छठ के प्रसाद के लिए घाटों पर गेहूं
चैती छठ महापर्व: नहाय खाए के साथ आज से हुआ आरम्भ…

आपको बता दें,कि चैती छठ का महापर्व चार दिवसीय अनुष्ठान मंगलवार यानी की आज से आरम्भ हो चुका हैं वही व्रती नहाय खाए से अनुष्ठान का संकल्प लेंगे वही गंगा घाटों पर गंगा स्नान के बाद लौकी की सब्जी और अरवा चावल को ग्रहण करेंगें वही चैती छठ के प्रसाद के लिए घाटों पर गेहूं धोए और सुखाए जाएंगे। चैती छठ महापर्व: नहाय खाए के साथ आज से हुआ आरम्भ…खरना और अर्घ्य के प्रसाद के लिए श्रद्धालु टिन और डिब्बों में गंगाजल भी भरेंगें वही भगवान भास्कर को सायंकालीन अर्घ्य 11 अप्रैल और 12 अप्रैल के दिन उदयनीमान सूर्य के साथ अनुष्ठान संपन्न होगा वह बता दें, कि चैत्र मास में भी छठ पूरी आस्था आप भक्ति भाव के साथ निष्ठा व धूमधाम के साथ बिहार में मनाया जाता हैं।चैती छठ महापर्व: नहाय खाए के साथ आज से हुआ आरम्भ…

वही चैती छठ महापर्व में व्रती नहाय खाए में मंगलवार को व्रती लौकी की सब्जी और अरवा चावल का प्रसाद ग्रहण करेंगे वही छठ में इसका खास महत्व होता हैं। वही ऐसा भी कहा जाता हैं कि इससे पुत्र की प्राप्ति होती हैं वही व्रती बुधवार के दिन खरना करेंगे। कद्दू में करीब 96 फीसदी पानी पाया जाता हैंचैती छठ महापर्व: नहाय खाए के साथ आज से हुआ आरम्भ… इसे ग्रहण करने से कई तरह की बीमारियां समाप्त हो जाती हैं। वही छठ में चने की दाल भी खाया जाता हैं ऐसा कहा जाता हैं कि चने की दाल बाकी दालों में सबसे अधिक शुद्ध मानी जाती हैं। वही खरने के प्रसाद में ईख का कच्चा रस, गुड़ के सेवन से त्वचा से संबंधित सभी रोग, आंख की पीड़ा, शरीर के दाग धब्बे पूरी तरह से समाप्त हो जाते हैं। व्यक्ति शुद्धि को प्राप्त करता हैं। चैती छठ महापर्व: नहाय खाए के साथ आज से हुआ आरम्भ…

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