सुख-समृद्धि के लिए इस आरती से करें भगवान विष्णु को प्रसन्न
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार को भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा करनी चाहिए। क्योंकि गुरुवार का कारक ग्रह गुरु है। साथ ही गुरु ग्रह भाग्य का कारक भी है, तथा जिन जातकों की कुंडली में गुरु अशुभ स्थिति में है, उन्हें भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की की कृपा पाने के लिए इस आरती से पूजा करने से भक्तों को परम सुख की प्राप्ति होती है। अगर आप भी अपने सोए हुए भाग्य को जगाना चाहते हैं तो इस आरती के जरिए भगवान विष्णु की पूजा कर भगवान विष्णु को खुश कर सकते हैं।
जयपुर। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार को भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा करनी चाहिए। क्योंकि गुरुवार का कारक ग्रह गुरु है। साथ ही गुरु ग्रह भाग्य का कारक भी है, तथा जिन जातकों की कुंडली में गुरु अशुभ स्थिति में है, उन्हें भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की की कृपा पाने के लिए इस आरती से पूजा करने से भक्तों को परम सुख की प्राप्ति होती है। अगर आप भी अपने सोए हुए भाग्य को जगाना चाहते हैं तो इस आरती के जरिए भगवान विष्णु की पूजा कर भगवान विष्णु को खुश कर सकते हैं।
भगवान विष्णु की आरती
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे ।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे ॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का ।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का ॥ ॐ जय…॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी ।
तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी ॥ ॐ जय…॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी ॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी ॥ ॐ जय…॥
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता ।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता ॥ ॐ जय…॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति ॥ ॐ जय…॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे ।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे ॥ ॐ जय…॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा ।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा ॥ ॐ जय…॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा ।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा ॥ ॐ जय…॥
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय…॥