ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए इंसान जिम्मेदार इसके लिए वैज्ञानिकों ने बनाया एक समीकरण
जयपुर। धरती की जलवायु में लगातार बदलाव हो रहा है। इंसानी गतिविधियों के कारण पृथ्वी के तापमान लगातार बढ़ रहा है। जलवायु में परिवर्तन से प्राकृतिक चीज़ों के काफी नुकसान हो रहा है। लेकिन इंसान मानता है कि मशीनों के कारण ये जलवायु के परिवर्तन के लिए जिंम्मेदार है। लेकिन वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि वो एक ऐसा समीकरण बनायेंगे जो यह साबित करता है कि ग्लोवल वॉर्मिंमग के लिए इंसान ही जिम्मेदार है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अरबों साल पुरानी पृथ्वी में किसी भी अन्य कारण से इतना परिवर्तन नहीं आया, जितना कि इंसानी गतिविधियों के कारण आया है।
जिन्होंन वापसे ऐसी स्थित खड़ी कर दी है जिससे धरती कई अरबों सालों पहले गुजर चुकी है। शोधकर्ताओं ने कई शोध करके जानकारी दी है कि पिछले 7,000 सालों में हर एक शताब्दी के अंदर दुनिया में 0.01 सेल्सियस तापमान घटा है। और पिछले 45 सालों के दौरान ही दुनिया का तापमान प्रति शताब्दी के हिसाब से करीब 1.7 सेल्सियस बढ़ा है। इस विषय पर वैज्ञानिकों का कहना है कि दुनिया के सबसे गर्म 12 साल 1998 के बाद दर्ज किए गए हैं। अध्ययनों से ज्ञात कर वैज्ञानिकों बताते है कि धरती का अस्तित्व करीब 4 अरब साल पुराना है।
इस दौरान पृथ्वी में कुछ खगोलीय और भौगोलिय बदलाव आए हैं। साथ ही, कुछ जीवमंडलीय तत्वों के कारण भी धरती में परिवर्तन हुआ है, लेकिन स बार धरती में बदलाव मानवीय गतिविधियों के कारण आया है और ऐसा आया है कि धरती वापस से कई अरब सालों पहले भूतकाल में लौट रही है। और इसके पर्यावरण में सबसे तेजी से बदलाव आ रहे हैं। वैज्ञानीकों ने नए शोध में वैज्ञानिकों ने ‘ऐनथिरपसीन समीकरण’ बनाया है। जिसमें मानवीय गतिविधियों के कारण पर्यावरण पर मापने योग्य बदलाव आना शुरू होगा अभी तक इसका उपयोग नहीं किया है।