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व्रत उद्यापन: विधि वि​धान से करें सावन व्रत का उद्यापन, सभी इच्छाएं होंगी पूरी

3 अगस्त दिन सोमवार को श्रावण मास का आखिरी दिन हैं। इस दिन पूर्णिमा और रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। इस महीने बहुत से लोग भगवान शिव की कृपा पाने के लिए सावन सोमवार या सावन का व्रत रखे हैं ऐसे में अंतिम यानी पांचवें सोमवार को इन व्रतों का उद्यापन किया जाएगा। हिंदू धर्म
व्रत उद्यापन: विधि वि​धान से करें सावन व्रत का उद्यापन, सभी इच्छाएं होंगी पूरी

3 अगस्त दिन सोमवार को श्रावण मास का आखिरी दिन हैं। इस दिन पूर्णिमा और रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। इस महीने बहुत से लोग भगवान शिव की कृपा पाने के लिए सावन सोमवार या सावन का व्रत रखे हैं ऐसे में अंतिम यानी पांचवें सोमवार को इन व्रतों का उद्यापन किया जाएगा। व्रत उद्यापन: विधि वि​धान से करें सावन व्रत का उद्यापन, सभी इच्छाएं होंगी पूरीहिंदू धर्म शास्त्रों में तो किसी भी व्रत को रखने पर उसका उद्यापन करना बहुत जरूरी माना जाता हैं तभी भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती हैं। सावन व्रत का उद्यापन आप शिव मंदिर में जाकर या फिर घर पर भी कर सकते हैं तो आज हम आपको सावन व्रत के उद्यापन की पूरी विधि बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।व्रत उद्यापन: विधि वि​धान से करें सावन व्रत का उद्यापन, सभी इच्छाएं होंगी पूरी

उद्यापन वाले दिन जल्दी उठकर स्नान कर सफेद रंग के वस्त्र पहनें। पूजा के लिए एक चौकी लेकर उसे केले के पत्तों और तोजे पुष्पों से सजाएं। आप खुद इस चौकी पर भगवान शिव, माता गौरी, भगवान श्री गणेश, भगवान कार्तिकेय, नंदी बाबा और चंद्रदेव की प्रतिमा स्थापित करें। उसके बाद सभी देवी देवताओं का गंगाजल से अभिषेक कर चंदन, रोली और चावल का टीका लगाएं। फिर बिल्व पत्र, धतूरा और भांग भगवान को अर्पित करें। व्रत उद्यापन: विधि वि​धान से करें सावन व्रत का उद्यापन, सभी इच्छाएं होंगी पूरीभगवान को पुष्प की माला और चीनी, गंगाजल, शहद, दही व घी से तैयार पंचामृत का भोग लगाएं। भगवान शिव के मंत्रों का उच्चारण कर आरती करें। उसके बाद शिव का आशीर्वाद लें उनके आगे अपनी इच्छा व्यक्त करें। वही इसके बाद अपनी सभी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए 11 लोटे जल में तिल डालकर शिवलिंग को अर्पित करें। पूजा के बाद ही आप भोजन कर सकते है।व्रत उद्यापन: विधि वि​धान से करें सावन व्रत का उद्यापन, सभी इच्छाएं होंगी पूरी

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