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दिल्ली को जाने वाली सभी सड़कों को जाम करेंगे किसान : Farmers’ Organization

दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं ने देश की राजधानी में प्रवेश के सभी नाकों को को बंद करने की चेतावनी दी है। नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे, किसान संगठनों ने दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड में आने पर बातचीत करने की सरकार की अपील को ठुकराते
दिल्ली को जाने वाली सभी सड़कों को जाम करेंगे किसान : Farmers’ Organization

दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं ने देश की राजधानी में प्रवेश के सभी नाकों को को बंद करने की चेतावनी दी है। नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे, किसान संगठनों ने दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड में आने पर बातचीत करने की सरकार की अपील को ठुकराते हुए रविवार को कहा कि वे राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर भी डटे रहेंगे। किसान केंद्र सरकार द्वारा लागू नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार जब तक उनकी मांग नहीं मानेगी, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा और आगे वे दिल्ली में प्रवेश करने वाले सभी सड़कों को जाम करेंगे। भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरेंद्र सिंह लाखोवाल ने आईएएनएस से कहा कि सभी किसान संगठनों ने फैसला लिया है कि वे यहीं (सिंघू बोर्डर) बैठे रहेंगे और आने वाले दिनों में दिल्ली की ओर जाने वाली अन्य सड़कों को भी जाम करेंगे। उन्होंने कहा कि यह पंजाब के 30 किसान संगठनों का फैसला है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को किसानों से दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड आकर प्रदर्शन करने की अपील करते हुए उन्हें आश्वासन दिया था कि बुराड़ी ग्राउंड शिफ्ट होने के दूसरे दिन ही भारत सरकार उनके साथ चर्चा के लिए तैयार है।

भाकियू नेता हरेंद्र सिंह ने गृहमंत्री की तरफ से किसान नेताओं को चिट्ठी मिली है, जिसमें बुराड़ी ग्राउंड आने पर बातचीत करने की शर्त रखी गई है, लेकिन यह शर्त उन्हें मंजूर नहीं है, इसलिए किसान नेताओं ने दिल्ली की सीमाओं पर ही डटे रहने का फैसला लिया है।

किसान संगठनों की कोर कमेटी की बैठक के बाद पंजाब में भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) के पंजाब के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने दिल्ली के पांच प्रवेशद्वारों को जाम करने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “हम बुराड़ी नहीं जाएंगे और आगे दिल्ली की तरफ आने वाली पांच सड़कों को जाम करेंगे।”

दिल्ली में प्रवेश करने वाली सड़कों को जाम करके किसान नेता केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश में जुटे हैं। शायद यही वजह है कि इन्होंने बुराड़ी ग्राउंड आने की गृहमंत्री की अपील ठुकरा दी है।

नए कृषि कानूनों को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन की अगुवाई हालांकि पंजाब के किसान संगठन कर रहे हैं, लेकिन इसमें पंजाब और हरियाणा के अलावा अन्य राज्यों के किसान भी शामिल हैं।

हरियाणा में भाकियू के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि यह आंदोलन अब सिर्फ पंजाब और के किसानों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देशभर के किसानों का सवाल है और आंदोलन में देशभर के किसान शामिल हैं। उन्होंने कहा, “हमारा यह अनिश्चितकालीन धरना है और हम यहीं जमे रहेंगे।” बुराड़ी ग्राउंड जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, अब वहां जाने का इरादा नहीं है।

किसानों के इस आंदोलन में राजनीतिक दलों की भागीदारी के मसले पर सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि यह किसानों का प्रदर्शन है और किसान इसमें राजनीतिक दलों को मंच पर बोलने की इजाजत नहीं देंगे।

हालांकि हरेंद्र सिंह से आईएएनएस ने जब पूछा कि किसानों के इस प्रदर्शन को किन-किन राजनीतिक दलों का समर्थन मिल रहा है तो उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उनके सहयोगी दलों को छोड़कर बाकी तकरीबन सभी राजनीतिक दलों का उन्हें समर्थन प्राप्त है।

हरियाणा की तरफ से दिल्ली में प्रवेश करने वाली मुख्य सड़कों पर स्थित सिंघू व टिकरी बॉर्डर पर हजारों की तादाद में किसान 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं। उधर, उत्तर प्रदेश से दिल्ली में प्रवेश करने वाली मुख्य सड़क स्थित गाजीपुर बॉर्डर पर भी रविवार को किसान प्रदर्शन कर रहे थे।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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