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सियासी पारे के बीच 300 किसानों ने की आत्महत्या

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सियासत के लिए नेता गणित लगाने में व्यस्त थे तो बेमौसम बारिश की मार से परेशान किसान मौत को गले लगा रहे थे। इस दौरान महाराष्ट्र के करीब 300 किसानों ने सुसाइड कर अपनी जीवन लीला पर ब्रेक लगा दिए। साल 2019 में कुल 2532 आत्महत्या के मामले सामने आ चुके हैं।
सियासी पारे के बीच 300 किसानों ने की आत्महत्या

महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद नवंबर के महीने में सियासत के लिए नेता गणित लगा रहे थे। उस दौरान बेमौसम बारिश की मार से परेशान महाराष्ट्र के करीब 300 किसानों की आत्महत्या करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। किसानों के सुसाइड का ये आंकड़ पिछले चार सालों में सबसे अधिक बताया जा रहा है। प्राकृतिक  आपदा  से त्रस्त किसान जीने के लिए भीख मांगते रहे लेकिन राज्य के नेता अपनी सियासी पारे के संतुलन को बनाने के लिए जोड़तोड़ करते रहे।  साल 2019 में कुल 2532 आत्‍महत्‍या के मामले सामने आ चुके हैं। साल 2018 में यह आंकड़ा 2518 रह चुका है। ऐसा आकलन किया गया है कि बेमौसम की बारिश से राज्‍य के एक करोड़ किसान प्रभावित हुए हैं।

सियासी पारे के बीच 300 किसानों ने की आत्महत्या अक्टूबर में खेतों में खड़ी फसलों पर भारी बारिश की मार ने किसानों की चिंताओं को बढ़ा दिया था। बेमौसम बारिश से किसानों की फसलें पूरी तरह से खराब हो गई थी। इसके चलते किसानों के पास बर्बादी के सिवाय कुछ हाथ नहीं लगा था। इधर, विधान सभा चुनाव के नतीजे आऩे के बाद राज्य में सत्ता की गणित के लिए राजनेता बैठकों में लगे रहे। किसानों की बर्बादी पर किसी नेता का ध्यान नहीं गया। इस दौर में किसानों ने एक के बाद एक सुसाइड जैसे कदम उठा लिए। देखते ही देखते मौत का आंकड़ा 300 को क्रोस कर गया। राजस्व विभाग के नई रिपोर्ट्स में दर्शाए आंकड़ों के अनुसार,  बैमोसम की इस बारिश में किसानों की 70 फीसदी फसल खराबे की भेंट चढ़ गई है। पिछले साल अक्टूबर से नवंबर के बीच आत्महत्याकी घटनाओँ मे 61 फीसदी की तेजी देखने को मिली है।

सियासी पारे के बीच 300 किसानों ने की आत्महत्या

मराठवाड़ा क्षेत्र में सबसे ज्यादा किसानों ने मौत को गले लगाया है। राज्य के सूखा प्रभावित मराठवाड़ा में नवंबर में 120 किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आए हैं। किसानों के आत्महत्य में अचानक आई इस तेजी की वजह से जनवरी से नवंबर 2019 के दौरान 11 माह में सुसाइड के मामले पिछले साल हुई घटनाओं से कहीं ज्यादा है।

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सियासत के लिए नेता गणित लगाने में व्यस्त थे तो बेमौसम बारिश की मार से परेशान किसान मौत को गले लगा रहे थे। इस दौरान महाराष्ट्र के करीब 300 किसानों ने सुसाइड कर अपनी जीवन लीला पर ब्रेक लगा दिए। साल 2019 में कुल 2532 आत्महत्या के मामले सामने आ चुके हैं। सियासी पारे के बीच 300 किसानों ने की आत्महत्या

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