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क्या अब रवि शास्त्री को बाय-बाय और राहुल द्रविड़ को हैलो-हाय कहने का समय आ गया

जयपुर (स्पोर्ट्स डेस्क)। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और अंडर 19 और भारत ए के वर्तमान कोच राहुल द्रविड़ को लेकर इन दिनों फैंस के बीच जमकर चर्चा है । द्रविड़ की चर्चा और तारीफ की पीछे ही हमेशा एक बात रही है कि वह जितने अच्छे क्रिकेट हैं उतने ही अच्छे कोच भी हैं
क्या अब रवि शास्त्री को बाय-बाय और राहुल द्रविड़ को हैलो-हाय कहने का समय आ गया

जयपुर (स्पोर्ट्स डेस्क)। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और अंडर 19 और भारत ए के वर्तमान कोच राहुल द्रविड़ को लेकर इन दिनों फैंस के बीच जमकर चर्चा है । द्रविड़ की चर्चा और तारीफ की पीछे ही हमेशा एक बात रही है कि वह जितने अच्छे क्रिकेट हैं उतने ही अच्छे कोच भी हैं ।क्या अब रवि शास्त्री को बाय-बाय और राहुल द्रविड़ को हैलो-हाय कहने का समय आ गया

हमें नहीं भूलना चाहिए की हाल में भारत की अंडर 19 टीम द्रविड़ की कोचिंग में विश्वकप जीती है। वैसे इन दिनों भारतीय सीनियर टीम इंग्लैंड दौरे पर जहां उसका खराब प्रदर्शन जारी है जिसके बाद कोच बदलने की मांग फैंस की बीच जारी है। दरअसल फैंस रवि शास्त्र की जगह राहुल द्रविड़ कोच की कमान देने की बात कह रहे हैं । राहुल द्रविड़ रवि शास्त्री की तुलना में कहीं बेहतर क्रिकेटर रहे हैं।

क्या अब रवि शास्त्री को बाय-बाय और राहुल द्रविड़ को हैलो-हाय कहने का समय आ गया

क्रिकेट की बेहद साधारण समझ रखने वाला व्यक्ति भी इससे सहमत होगा।  अगर दोनों क तुलान की जाए तो हम पाते हैं कि  द्रविड़ ने अपने करियर में 164 टेस्ट मैच खेले हैं। इसमें उन्होंने 52.31 के औसत से 13288 रन बनाए हैं। 36 शतक और 63 अर्धशतक। वनडे में उन्होंने 344 मैचों में 39.16 के औसत से 10889 रन बनाए हैं। 12 शतक और 83 अर्धशतक।

क्या अब रवि शास्त्री को बाय-बाय और राहुल द्रविड़ को हैलो-हाय कहने का समय आ गया

जबकि  रवि शास्त्री ने 80 टेस्ट मैचों में 3830 रन बनाए हैं। औसत 35.79 का है। 11 शतक और 12 अर्धशतक जमाए हैं। वनडे में उन्होंने 150 मैच खेले हैं। इसमें 29.04 के औसत से 3108 रन बनाए हैं। शतक चार और अर्धशतक 18 जमाए हैं। शास्त्री ऑलराउंडर थे। टेस्ट में उन्होंने 151 और वनडे में 129 विकेट लिए। जैसा कि आपने देखा अपने रन और विकेट मिलाकर भी शास्त्री बतौर क्रिकेटर राहुल द्रविड़ के सामने नहीं टिकते हैं। गौरतलब है कि द्रविड़ को पहले टीम इंडया का कोच पद ऑफर हुआ था पर तब उन्होंने कहा था कि उनके पास कोचिंग का अनुभव नहीं है। इसलिए वे उस समय में भूमिका नहीं स्वीकार करेंगी ।

 

क्या अब रवि शास्त्री को बाय-बाय और राहुल द्रविड़ को हैलो-हाय कहने का समय आ गया

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