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कालभैरव अष्टमी 2018: ऐसे कालभैरव मंदिर जहां पर होती है हर मनोकामना पूरी

धर्म शास्त्रों के मुताबिक भगवान शिव के कालभैरव स्वरुप की उत्पति मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था। वही काल भैरव अष्टमी तंत्र साधना के लिए उत्तम माना जाता हैं और ऐसी मान्यता हैं इस दिन काल भैरव की पूजा करने से सभी संकटों से मुक्ति मिल जाती हैं। भारत में कई
कालभैरव अष्टमी 2018: ऐसे कालभैरव मंदिर जहां पर होती है हर मनोकामना पूरी

धर्म शास्त्रों के मुताबिक भगवान शिव के कालभैरव स्वरुप की उत्पति मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था। वही काल भैरव अष्टमी तंत्र साधना के लिए उत्तम माना जाता हैं और ऐसी मान्यता हैं इस दिन काल भैरव की पूजा करने से सभी संकटों से मुक्ति मिल जाती हैं। भारत में कई स्थानों पर प्रसिद्ध कालभैरव मंदिर हैं। जिसका अपना अलग महत्व हैं।कालभैरव अष्टमी 2018: ऐसे कालभैरव मंदिर जहां पर होती है हर मनोकामना पूरी

काशी में काल भैरव का मंदिर—
काशी के काल भैरव मंदिर की विशेष मान्यता हैं। यह काशी के विश्वनाथ मंदिर से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थि​त हैं। बता दें कि इन्हें काशी का कोतवाल कहा जाता हैं।यह मान्यता हैं,कि बाबा विश्वनाथ के दर्शन के बाद जो भक्त इनके दर्शन नहीं करता हैं उसकी पूजा सफल नहीं मानी जाती हैं।

उज्जैन का कालभैरव मंदिर—
काशी के बाद भारत में दूसरा प्रसिद्ध कालभैरव का मंदिर उज्जैन नगर में क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित हैं। यहां ऐसी परांपरा है,कि लोग भगवान काल भैरव को प्रसाद को रूप में केवल शराब ही चढ़ाते हैं। कालभैरव अष्टमी 2018: ऐसे कालभैरव मंदिर जहां पर होती है हर मनोकामना पूरी

दिल्ली का बटुक भैरव मंदिर—
बटुक भैरव मंदिर दिल्ली के विनय मार्ग पर स्थित हैं। बाबा बटुक भैरव की मूर्ति यहां पर विशेष प्रकार से एक कुएं ऊपर विराजित हैं। यह प्रतिमा पांडव भीमसेन द्वारा काशी लाई गई थी।

बटुक भैरव मंदिर—
दिल्ली में बाबा भैरव बटुक का मंदिर प्रसिद्ध हैं। इस मंदिर की स्थापना पांडव भीमसेन के द्वारा की गई थी। वास्तव में पांडव भीमसेन द्वारा लाए गए भैरव दिल्ली से बाहर ही विराज गए तो पांडव बड़े चिंतित हुए। उनकी चिंता देखकर बटुक भैरव ने उन्हें अपनी दो जटाएं दे दी और उसे नीचे रखकर दूसरी भैरव मूर्ति उस पर स्थापित करने का निर्देश दिया।कालभैरव अष्टमी 2018: ऐसे कालभैरव मंदिर जहां पर होती है हर मनोकामना पूरी

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