Samachar Nama
×

वाराणसी के खिलौना निर्माता ‘India Toy Fair’ को लेकर उत्साहित

पहला ‘इंडिया टॉय फेयर’ 27 फरवरी से 2 मार्च के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी से वर्चुअल रूप से आयोजित होगा, जिसमें खिलौने प्रदर्शित किए जाएंगे। वाराणसी के 15 खिलौना निर्माता इंडिया टॉय फेयर में अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने जा रहे हैं, जो सरकार की ‘वोकल फॉर लोकल’ अवधारणा को दर्शाता
वाराणसी के खिलौना निर्माता ‘India Toy Fair’ को लेकर उत्साहित

पहला ‘इंडिया टॉय फेयर’ 27 फरवरी से 2 मार्च के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी से वर्चुअल रूप से आयोजित होगा, जिसमें खिलौने प्रदर्शित किए जाएंगे। वाराणसी के 15 खिलौना निर्माता इंडिया टॉय फेयर में अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने जा रहे हैं, जो सरकार की ‘वोकल फॉर लोकल’ अवधारणा को दर्शाता है।

अधिकारियों के अनुसार, यह पहला डिजिटल रूप से सुलभ प्रदर्शनी और प्लेटफॉर्म है जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 1,000 से अधिक प्रदर्शकों से विभिन्न प्रकार के खिलौनों को एक्सप्लोर करने और खरीदने का अवसर प्रदान करेगा, और इसमें वेबिनार, पैनल चर्चा आदि होगी।

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, भारतीय खिलौनों को बढ़ावा देने का विचार यह पाए जाने के बाद आया कि देश में सस्ते खिलौने आयात किए जाने के बाद, न केवल भारतीय खिलौना उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा था, क्योंकि इनमें भारी मात्रा में रसायनों और हैवी मेटल आदि का इस्तेमाल होता है।

मेले के मुख्य आकर्षणों में 1,000 से अधिक स्टालों के साथ एक वर्चुअल प्रदर्शनी, आकर्षक पैनल चर्चा के साथ ज्ञान सत्र और विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा वेबिनार होगा, जिसमें खिलौना-आधारित शिक्षण, शिल्प प्रदर्शन, प्रतियोगिता, क्विज, वर्चुअल टूर, उत्पाद लॉन्च आदि शामिल हैं।

इंडिया टॉय फेयर 2021 के लिए वेबसाइट बच्चों, माता-पिता, शिक्षकों और प्रदर्शकों को वर्चुअल मेले में भाग लेने के लिए खुद को पंजीकृत करने में सक्षम बनाएगी, जो भारतीय खिलौने के इकोस्फेयर के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करेगा।

प्रदर्शकों में भारतीय व्यवसाय शामिल हैं जो खुशनुमा बचपन बनाने और बच्चों को शिक्षित करने के साथ-साथ एनसीईआरटी, एससीईआरटी, सीबीएसई के साथ-साथ उनके स्कूलों और शिक्षकों, आईआईटी-गांधीनगर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, और अहमदाबाद स्थित चिल्ड्रन यूनिवर्सिटी शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में स्थानीय खिलौनों के लिए ‘वोकल’ होने की अपील की थी और देश में खिलौनों की समृद्ध परंपरा का उल्लेख किया था।

वाराणसी में लकड़ी के खिलौनों का भी शानदार इतिहास है और यह शहर कभी भारत का सबसे बड़ा खिलौना उत्पादक केंद्र था।

500 से अधिक सदस्यों वाले खिलौना उद्योग सहकारी समिति प्रमुख गोदावरी सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री की वजह से वाराणसी में खिलौना उद्योग का भविष्य बदल रहा है।

वाराणसी में संयुक्त निदेशक उद्योग उमेश सिंह ने पत्रकरारों को बताया कि इस मेले से क्षेत्र की पारंपरिक कला को बढ़ावा देने के साथ ही संरक्षण में भी मदद मिलेगी।

वाराणसी में बने लैकरवेयर और लकड़ी के खिलौनों को जीआई टैग भी मिला है और सभी सुरक्षा मानकों का पालन करते हैं।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

Share this story