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Kumbh Mela:कुम्भ के आयोजन पर प्रतिबंध लगाने के चलते हुई त्रिवेंद्र सिंह रावत की बर्खस्तगी

क्या देश में कोरोना के बीच हुआ कुम्भ रोका जा सकता था। क्या इसको लेकर उत्तराखंड सरकार में ऐसी कोई चर्चा हुई थी। खबरे तो खैर ऐसी है की उत्तराखंड में होने जा रहे कुम्भ के मेले को लेकर ऐसी योजना बनाई गयी थी। और इसी के चलते त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपनी कुर्सी से
Kumbh Mela:कुम्भ के आयोजन पर प्रतिबंध लगाने के चलते हुई त्रिवेंद्र सिंह रावत की बर्खस्तगी

क्या देश में कोरोना के बीच हुआ कुम्भ रोका जा सकता था। क्या इसको लेकर उत्तराखंड सरकार में ऐसी कोई चर्चा हुई थी। खबरे तो खैर ऐसी है की उत्तराखंड में होने जा रहे कुम्भ के मेले को लेकर ऐसी योजना बनाई गयी थी। और इसी के चलते त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा था। द क्विंट की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और हरिद्वार महाकुंभ से जुड़े अधिकारियो ने द कारवां के साथ ये बात साझा की है।The biggest gathering ever: Kumbh - Amazing India

बीजेपी नेताओं ने इस बात में बताया कि कुंभ मेला राजनीतिक और आर्थिक रूप से काफी महत्वपूर्ण था और इस त्योहार को न मनाने से करोड़ों का नुकसान होता था और देश में कई लोगों की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचती। इसी वजह से राज्य के नेता ने जब उत्सव की भव्यता को सीमित करने वाले COVID प्रतिबंध लगाए, तो उन्हें उनके पद से बेदखल कर दिया गया।Dehradun: Chief Minister Trivendra Singh Rawat launches Junior Traffic ...

14 जनवरी से 27 अप्रैल के बीच कुम्भ में पाप धोने के लिए 91 लाख से भी अधिक तीर्थयात्री हरिद्वार आए। 12 अप्रैल को हरिद्वार में 35 लाख और 14 अप्रैल को 13.51 लाख से अधिक लोग एकत्रित हुए थे। कोरोना की बातकरे तो 31 मार्च से 24 अप्रैल के बीच कुंभ के आयोजन के दौरान उत्तराखंड ने COVID-19 मामलों में 1,800 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।Kumbh Mela: Thousands bathe in Godavari river at start of ancient Hindu ...

अब इसे लोग माने या न माने लेकिन कुम्भ ने कोरोना का उत्तराखंड में भीषण तांडव किया। कुम्भ शुरू होनेके बाद से राज्य ने केवल एक महीने में 1.3 लाख COVID-19 मामलों को दर्ज किया। उत्तराखंड की आबादी बहुत ज्यादा नहींहै,लेकिन इतने सारे कोरोना केस आना दर्शाता है की कारण क्या रहा है।Kumbh Mela to begin from January 2021; Here's all you need to know

कोरोना के आंकड़े सामने होते हुए भी वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने लगातार यह मानने से इनकार किया है की कुंभ एक सुपर-स्प्रेडर कार्यक्रम था। बहरहाल इस आर्टिकल समाप्त करने से पहले जूना अखाड़े के एक सदस्य का बयान पढ़ते जाइये। जूना अखाड़े के प्रवक्ता नारायण गिरी का द कारवां से कहना है “जो लोग धर्म में विश्वास नहीं करते हैं, वे COVID -19 का बहाना देते हैं और ये लोग कम्युनिस्ट मानसिकता रखते हैं। वे कुंभ मेले में बाधा डालना चाहते थे। ”Kumbh Mela 2021: Know why Kumb Mela is occurring after 11 years & not ...

तो बोलो हर हर गंगे

हर हर महादेव

 

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