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550 साल पहले इसी जगह दी गई थी, 200 से भी ज्यादा लोगों की बलि

जयपुर। पुरातत्वविदों ने हाल ही में दुनिया के सबसे बड़े नरसंहार का पता लगाया है। जी हां, यह जगह पेरू में स्थित है। बताया जा रहा है कि करीब 550 साल पहले यहां पर 200 से भी ज्यादा इंसानो की बलि दी गई थी। बता दे कि इन आंकड़ों में बच्चे बूढ़े जवान सभी शामिल

जयपुर। पुरातत्वविदों ने हाल ही में दुनिया के सबसे बड़े नरसंहार का पता लगाया है। जी हां, यह जगह पेरू में स्थित है। बताया जा रहा है कि करीब 550 साल पहले यहां पर 200 से भी ज्यादा इंसानो की बलि दी गई थी। बता दे कि इन आंकड़ों में बच्चे बूढ़े जवान सभी शामिल हैं। पुरातन विभाग की सूचना के मुताबिक यह स्थल पेरू की राजधानी लीमा से 500 किलोमीटर दूर त्रुजिलो शहर के पास है। इसे लास लामास कहा जाता है।550 साल पहले इसी जगह दी गई थी, 200 से भी ज्यादा लोगों की बलि

यह शोध नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी के शोधकर्ताओं ने किया है। यहां पर उन्हें लगभग 140 बच्चों की हड्डियों के अवशेष मिले हैं। बता दे कि कभी इस जगह पर ऐतिहासिक चिमू सभ्यता का निवास था। पुरातत्वविदों ने प्राप्त अवशेषों की जांच के बाद यह दावा किया है कि यहां पर लगभग 550 साल पहले एक साथ 200 से भी ज्यादा लोगों की बलि दी गई थी। इन जीवाश्मों में ज्यादातर बच्चों के अवशेष मिले हैं।550 साल पहले इसी जगह दी गई थी, 200 से भी ज्यादा लोगों की बलि

पेरू नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बताते है कि बलि की जगह चिमू साम्राज्य का सबसे ऐतिहासिक स्थान था। यहां पर कबीले के सरदार की मौजूदगी में अक्सर नरबलि दी जाती थी। माना जाता है कि अल नीनो की वजह से 550 साल पहले पेरू के नजदीकी समुद्र में भंयकर तूफान आया था। तूफान को शांत करने के लिए ही वह बलि दी गई थी। उन लोगों ने भगवान को अपने बच्चों की बलि भेंट चढ़ाई थी। सभी बच्चों के अवशेष समुद्र की ओर सिर किए हुए पाए गए हैं, मतलब उन्हें इसी तरह दफ़नाया गया था।550 साल पहले इसी जगह दी गई थी, 200 से भी ज्यादा लोगों की बलि

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