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इंजीनियर ने बनाई डोसा बनाने की मशीन, 60 सेकेंड में 30 तरह के डोसे बना देती हैं

जयपुर। साउथ इंडियन फूड की बात आते ही सबसे पहले इडली डोसा का ही नाम आता है। जी हां, आम तौर पर मसाला डोसा आजकल हर उत्तर भारतीय का पसंदीदा भोज्य पदार्थ हो चुका है। क्योंकि यह खाने में स्वादिष्ट है, पौष्टिक है, और सबसे बड़ी बात की तुरंत तैयार हो जाता है। लेकिन सोचिए
इंजीनियर ने बनाई डोसा बनाने की मशीन, 60 सेकेंड में 30 तरह के डोसे बना देती हैं

जयपुर। साउथ इंडियन फूड की बात आते ही सबसे पहले इडली डोसा का ही नाम आता है। जी हां, आम तौर पर मसाला डोसा आजकल हर उत्तर भारतीय का पसंदीदा भोज्य पदार्थ हो चुका है। क्योंकि यह खाने में स्वादिष्ट है, पौष्टिक है, और सबसे बड़ी बात की तुरंत तैयार हो जाता है। लेकिन सोचिए अगर आपको एक मिनट में तीस किस्म के डोसा मिल जाए तो कैसा लगेगा।

आप कहेंगे कि बनाने वाला इंसान है कोई मशीन थोड़ी है, जो इतनी जल्दी डोसे बना देगा। लेकिन एक इंजीनियर के दिमाग में जब एक विचार आया तो उसने औरों की तरह कल्पना सागर में गोते लगाने के बजाय अपना सारा ध्यान उस मशीन को बनाने में लगा दिया जो महज 60 सेकेंड में तीस तरह के डोसे बनाकर देती है। बता दे कि अक्सर रेस्टोरेंट वाले भी इसी वजह से परेशान रहते हैं कि कम समय में ग्राहकों को ज्यादा डिमांड रहती हैं। तो बस एक इंजीनियर ने ऐसी मशीन बना दी है जो यह कर पाएगी।इंजीनियर ने बनाई डोसा बनाने की मशीन, 60 सेकेंड में 30 तरह के डोसे बना देती हैं

विकास नामक इस अभियंता ने 3 इडियट फिल्म के बाबा रणछोड़दास छांछड़ से प्रेरित होते हुए यह डोसा बनाने की स्वचालित मशीन ईजाद की है। जी हां, डोसामैटिक नामक यह मशीन चुटकी बजाते ही कई डोसा तैयार कर देती है। दरअसल विकास एक बार जब दिल्ली गया तो उसे डोसा काफी ढूंढने के बाद मिल पाया। और जो मिला वो भी बहुत महंगा और कम स्वाद वाला डोसा था। बस यही से उसने डोसा बनाने की मशीन बनाने के बारे में सोच लिया।इंजीनियर ने बनाई डोसा बनाने की मशीन, 60 सेकेंड में 30 तरह के डोसे बना देती हैं

इसके बाद इंजीनियरिंग कॉलेज में विकास ने अपने दोस्त के साथ मिलकर मशीन बनाने पर काफी रिसर्च किया। एक साल के अंदर ही यह मशीन बनकर तैयार हो गई। मशीन का आकार भी ज्यादा बड़ा नहीं है, बस एक माइक्रोवेव अवन के जितनी बड़ी यह डोसामैटिक पलक झपकते ही डोसा तैयार कर देती है। डोसा को कई तरह के आकार में बनाया जा सकता है। साथ ही डोसे की मोटाई भी अपने हिसाब से रखी जा सकती है।

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