Samachar Nama
×

शिक्षा नीति : दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान

दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कालेजों जैसे मिरांडा हाउस, दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म, किरोड़ीमल कॉलेज, खालसा कॉलेज आदि में इन दिनों देश की नई शिक्षा नीति को लेकर व्याख्यान किए जा रहे हैं। हाल ही में केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर यह व्याख्यान ऑनलाइन आयोजित किए जा रहे है। शिक्षा नीति
शिक्षा नीति : दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान

दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कालेजों जैसे मिरांडा हाउस, दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म, किरोड़ीमल कॉलेज, खालसा कॉलेज आदि में इन दिनों देश की नई शिक्षा नीति को लेकर व्याख्यान किए जा रहे हैं। हाल ही में केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर यह व्याख्यान ऑनलाइन आयोजित किए जा रहे है। शिक्षा नीति को समझने के लिए इन गोष्ठियों में बड़ी संख्या में छात्र भागीदारी की है।

इन व्याख्यानों में डीयू के प्रोफेसरों, शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ एबीवीपी के स्टूडेंट एक्टिविस्ट भी छात्रों के बीच शिक्षा नीति से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं को रख रहे हैं। व्याख्यानों का उद्देश्य शिक्षा नीति पर छात्रों के प्रश्नों का जवाब देना है। यह प्रक्रिया छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान करने के लिए शुरू की गई।

एबीवीपी नार्थ कैंपस के विभाग सह-संयोजक वेणु गोपाल ने कहा, हम शिक्षा नीति संबंधी विभिन्न तथ्यों पर छात्रों के बीच ऑनलाइन माध्यम से चर्चा कर रहे हैं। शिक्षा नीति 2020, भारत के शिक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव करने वाली है । छात्रों के लिए सकारात्मक ²ष्टिकोण के साथ शिक्षा नीति की व्याख्या करना हमारे इन कार्यक्रमों का उद्देश्य है । हमारे इस रचनात्मक प्रयास के माध्यम से छात्रों को शिक्षा नीति पर विचार-विमर्श करने का एक अच्छा प्लेटफार्म मिला है।

29 जुलाई को केंद्रीय कैबिनेट ने देश की नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी है। इससे पहले शिक्षा नीति को 1986 में तैयार किया गया और 1992 में संशोधित किया गया था। डॉ. के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रारूप तैयार करने हेतु गठित समिति द्वारा तैयार किए गए एनईपी 2019 और उस पर प्राप्त हितधारकों की प्रतिक्रियाओं एवं सुझावों के आधार पर इसे तैयार किया गया है।

नई शिक्षा नीति के लिए परामर्श प्रक्रिया जनवरी 2015 में शुरू की गई थी। 33 चिन्हित किए गए विषयों पर बहुआयामी परामर्श प्रक्रिया में ग्राम स्तर से राज्य स्तर तक जमीनी स्तर पर परामर्श हासिल किए गए। लगभग 2.5 लाख ग्राम पंचायतों, 6600 ब्लॉक, 6000 शहरी स्थानीय निकायों, 676 जिलों और 36 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में एक व्यापक, समयबद्ध, भागीदारी, बॉटम-अप परामर्श प्रक्रिया की गई।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

Share this story