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क्या आर्थिक विकास को 2020 में मिल पाएगी रफ्तार!

साल 2020 में आर्थिक विकास 2019 की बजाय अधिक होने को लेकर आर्थिक विश्लेषकों ने कई तर्क दिए गए हैं। भारत की जीडीपी मौजूदा दौर में चीन का 20 प्रतिशत क्यों है? जब दोनों देशों में जीडीपी का स्तर 1991 में बराबर रहा। देश की गिरती जीड़ीपी को लेकर कई सवाल भी सामने आ रहा हैं।
क्या आर्थिक विकास को 2020 में मिल पाएगी रफ्तार!

आर्थिक विश्लेषकों ने साल 2020 में आर्थिक विकास 2019 की बजाय अधिक होने की बात कही है। इसके पीछे कई तर्क भी दिए गए हैं। भारत की जीडीपी मौजूदा दौर में चीन का 20 प्रतिशत क्यों है? जब दोनों देशों में जीडीपी का स्तर 1991 में बराबर रहा। देश की गिरती जीड़ीपी को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पिछले हफ्ते लोन डिफॉल्टर एस्सार स्टील से 42 हजार करोड़ रुपये की वसूली की गई। एस्सार के अधिग्रहण में अगले 200 बड़े डिफॉल्टरों से तेजी से बैंक रिकवरी के लिए वाणिज्यिक रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है।

क्या आर्थिक विकास को 2020 में मिल पाएगी रफ्तार!

। भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने मौजूदा चुनौतियां दीर्घकालिक लाभ के लिए अल्पकालिक का नेतृत्व करने में लगी है। सरंचनात्मक सुधार बंद होने से आगामी 2020 में आर्थिक विकास 2019 की तुलना में अधिक होने की संभावना है। इससे पहले एक अदालत ने करीब 20 साल पहले आरबीआई के एक बड़े ऋण चूककर्ता के खिलाफ बैंकों के लिए त्वरित न्याय के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था।

क्या आर्थिक विकास को 2020 में मिल पाएगी रफ्तार!

भारतीय रिजर्व बैंक, आईबीसी और राष्ट्रीयकृत बैंकों के विलय से बैंक अकाउंटिंग क्लीनर और बैंक बैलेंस शीट मजबूत बनती हैं। रियल एस्टेट अधिनियम गैर-अनुपालन वाले रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए व्यवसाय को मुश्किल बनाता है। भारत की अर्थव्यवस्था साल 2020 में आईसीयू की तरफ नहीं जाने का अनुमान जताया है। हालांकि, गहरे और एक व्यापक पुनर्वसन से बाहर जरूर निकल रही है। सकल घरेलू उत्पाद का प्रतिशत के रूप में सकल पूंजी निर्माण 2017 में नीचे आने के बाद इजाफा देखने को मिल रहा है। भारत की सहज व्यापार रैंकिंग में 139 से बढ़कर 63 हो जाने से एफडीआई बढ़ रहा है। इसके चलते चीन के कारखाने शरणार्थियों को आकर्षित कर रहा है।  भारत में प्याज की 23 मिलियन टन का उत्पादन होता है। 15 मिलियन की प्याज की खपत होती है। शेयर बाजार अब बड़े पैमाने पर विकास की ओर बढ़े हैं। खाद्य उत्पादन वृद्धि अब जनसंख्या वृद्धि से काफी अधिक है। इससे मुद्रास्फीति में गिरावट संरचनात्मक है।

 

साल 2020 में आर्थिक विकास 2019 की बजाय अधिक होने को लेकर आर्थिक विश्लेषकों ने कई तर्क दिए गए हैं। भारत की जीडीपी मौजूदा दौर में चीन का 20 प्रतिशत क्यों है? जब दोनों देशों में जीडीपी का स्तर 1991 में बराबर रहा। देश की गिरती जीड़ीपी को लेकर कई सवाल भी सामने आ रहा हैं। क्या आर्थिक विकास को 2020 में मिल पाएगी रफ्तार!

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