Samachar Nama
×

घाटे में बॉलीवुड इंडस्ट्री, सिर पकड़कर बैठे हैं थिएटर मालिक

इस वक्त देश में मंदी हैं पिछले कई सालों के मुकाबले इस बार मंदी का असर सबसे ज्यादा देखने को मिला हैं। ऑटो सेक्टर, रियल एस्टेट, टेलीकॉम, बैंकिंग, टेक्सटाइल, हर सेक्टर पर इसका भयानक असर देखने को मिला है। थिएटर मालिक एक फिल्म के राइट्स खरीदने के लिए करोड़ों रूपए लगाते हैं, तो मंदी की हालत में कैसे किसी फिल्म पर करोड़ों का दांव लगा सकते हैं। एक थिएटर को चलाने के लिए कितने लाख करोड़ रूपयों की जरूरत होती है इसका अंदाजा सिर्फ थिएटर मालिक ही जानता है।
घाटे में बॉलीवुड इंडस्ट्री, सिर पकड़कर बैठे हैं थिएटर मालिक

इसमे कोई दो राय नहीं है कि बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री हॉलीवुड के बाद दूसरे नंबर पर आती है। इसके अंतगर्त हर साल करीब 350 फिल्मों का निर्माण किया जाता है। करीब 350 फिल्में बनने के बाद भी किसी फिल्म के लिए 300 करोड़ का आंकड़ा पार कर पाना दूर की कौड़ी हैं। इसके पीछे क्या कारण है? आज बॉलीवुड में स्क्रिप्ट की भरमार है, कई नवोदित कलाकार है जो काम की तलाश कर रहे हैं, लेकिन उनको ​काम नहीं मिल रहा है।घाटे में बॉलीवुड इंडस्ट्री, सिर पकड़कर बैठे हैं थिएटर मालिक जबकि उन कलाकारों में टलैंट की कमी नहीं हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है पैसा, आज फिल्में तो खूब बन रही है लेकिन लोग ​उनको देखने के लिए सिनेमाघरों तक नहीं जा रहे। दोस्तों आपको पता होगा कि इस वक्त देश में मंदी हैं पिछले कई सालों के मुकाबले इस बार मंदी का असर सबसे ज्यादा देखने को मिला हैं।घाटे में बॉलीवुड इंडस्ट्री, सिर पकड़कर बैठे हैं थिएटर मालिक ऑटो सेक्टर, रियल एस्टेट, टेलीकॉम, वित्तीय सेवाएं, बैंकिंग, स्टील, टेक्सटाइल, टी, डायमंड हर सेक्टर पर इसका भयानक असर देखने को मिला है। कई लाख लोगों की नौकरियां इस मंदी ने ले ली। ऐसे में जो खाने का मोहताज हो वो फिल्म क्यों देखगा, जिदंगी जीने के लिए सबसे पहले खाना कपड़ और मकान जरूरी है उसके बाद सारी जरूरते हैं। घाटे में बॉलीवुड इंडस्ट्री, सिर पकड़कर बैठे हैं थिएटर मालिकइसी कारण इंडस्ट्री फिल्में तो बना रही है लेकिन उसको देखने वाले दर्शक खाने को मोहताज है। थिएटर मालिक एक एक फिल्म के राइट्स खरीदने के लिए करोड़ों रूपए लगाते हैं, तो मंदी की हालत में कैसे किसी फिल्म पर करोड़ों का दांव लगा सकते हैं। एक थिएटर को चलाने के लिए कितने लाख करोड़ रूपयों की जरूरत होती है इसका अंदाजा सिर्फ थिएटर मालिक ही जानता है।घाटे में बॉलीवुड इंडस्ट्री, सिर पकड़कर बैठे हैं थिएटर मालिक

इस वक्त देश में मंदी हैं पिछले कई सालों के मुकाबले इस बार मंदी का असर सबसे ज्यादा देखने को मिला हैं। ऑटो सेक्टर, रियल एस्टेट, टेलीकॉम, बैंकिंग, टेक्सटाइल, हर सेक्टर पर इसका भयानक असर देखने को मिला है। थिएटर मालिक एक फिल्म के राइट्स खरीदने के लिए करोड़ों रूपए लगाते हैं, तो मंदी की हालत में कैसे किसी फिल्म पर करोड़ों का दांव लगा सकते हैं। एक थिएटर को चलाने के लिए कितने लाख करोड़ रूपयों की जरूरत होती है इसका अंदाजा सिर्फ थिएटर मालिक ही जानता है। घाटे में बॉलीवुड इंडस्ट्री, सिर पकड़कर बैठे हैं थिएटर मालिक

Share this story