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गत वर्षों में इबोला का रहा सबसे ज्यादा बोल बाला

सूत्रों के अनुसार गत वर्षों में मात्र 2014 से 2016 तक में ही ही इस महामारी के कारण 11,300 लोगों की मौत हुई । और इस साल भी अकेले 2019 में इस बीमारी के कारण 1000 से ऊपर लोगों की मौत का यह कारण बनी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुरुआत में एक टीके का दावा करते हुए इस प्रकोप को रोकने की उम्मीद जताई थी . यह इस साल वैश्विक आपदा भी घोषित की गई बिमारी बना।
गत वर्षों में इबोला का रहा सबसे ज्यादा बोल बाला

 

जयपुर । गत कुछ वर्षों में जिस बीमारी ने सबके नाक में दम कर के रखा रहा । इस बीमारी के कारण कई हजार लोगों की जान गई । इतना ही नही इसका कहर इस साल कुछ इस कदर बरपा की इसको वैश्विक आपदा घोषित  कर दिया आया ।गत वर्षों में इबोला का रहा सबसे ज्यादा बोल बाला

इस बीमारी का कहर शुरू हुआ 2013 से उसके बाद से लेकर अब तक कई हजार लोगों को की मौत का यह कारण बना । इस बीमारी को नियंत्रण में करने के लिए कई उपाय किए गए , वैक्सीन भी तैयार किया गया पर फिर भी इस बीमारी के कारण हुई मौतों को रोक पाने में कहीं न कहीं लोग कामयाब नही रहे ।गत वर्षों में इबोला का रहा सबसे ज्यादा बोल बाला

सूत्रों के अनुसार गत वर्षों में मात्र 2014 से 2016 तक में ही ही इस महामारी के कारण 11,300 लोगों  की मौत हुई । और इस साल भी अकेले 2019 में इस बीमारी के कारण 1000 से ऊपर लोगों की मौत का  यह कारण बनी। विश्व स्वास्थ्य संगठन  ने शुरुआत में एक टीके का दावा करते हुए इस प्रकोप को रोकने की उम्मीद जताई थी, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ अधिकारियों ने माना कि असुरक्षा की वजह से इसे रोकने में कामयाबी नहीं मिली।  डब्ल्यूएचओ के हेल्थ इमरजेंसीज प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक ने कहा कि हम मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं ।गत वर्षों में इबोला का रहा सबसे ज्यादा बोल बाला

इबोला विषाणु रोग या इबोला हेमोराहैजिक बुखार इबोला विषाणु के कारण लगने वाला अत्यन्त संक्रामक एवं घातक रोग है। आम तौर पर इसके लक्षण वायरस के संपर्क में आने के दो दिनों से लेकर तीन सप्ताह के बीच शुरू होता है, जिसमें बुखार, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द और सिर दर्द होता है। आम तौर पर मतली, उल्टी और डायरिया होने के साथ-साथ जिगर और गुर्दाका कामकाज धीमा हो जाता है। इस स्थिति में, कुछ लोगों को खून बहने की समस्या शुरू हो जाती है।गत वर्षों में इबोला का रहा सबसे ज्यादा बोल बाला

सूत्रों के अनुसार गत वर्षों में मात्र 2014 से 2016 तक में ही ही इस महामारी के कारण 11,300 लोगों  की मौत हुई । और इस साल भी अकेले 2019 में इस बीमारी के कारण 1000 से ऊपर लोगों की मौत का  यह कारण बनी। विश्व स्वास्थ्य संगठन  ने शुरुआत में एक टीके का दावा करते हुए इस प्रकोप को रोकने की उम्मीद जताई थी . यह इस साल वैश्विक आपदा भी घोषित की गई बिमारी बना। गत वर्षों में इबोला का रहा सबसे ज्यादा बोल बाला

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