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शोक के बादल घिरे ओकोजोकुल ग्लेशियर की मान्यता खत्म

राइस विश्वविद्यालय में एंथ्रोपॉलजी की एसोसिएट प्रोफेसर सायमीनी हावे ने जुलाई में ही इसकी स्थिति को लेकर चेतावनी दी थी कि ‘विश्व में जलवायु परिवर्तन के कारण अपनी पहचान खोने वाला यह पहला ग्लेशियर होगा।’ ओकजोकुल आइसलैंड के पश्चिमी सब-आर्कटिक हिस्से में ओक ज्वालामुखी पर उपस्थित था। आइसलैंड के निवासी अपने ग्लेशियर की समाप्ति का शोक मना रहे हैं।
शोक के बादल घिरे ओकोजोकुल ग्लेशियर की मान्यता खत्म

पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन एक बड़ी समस्या बन गया है जिसका मुख्य कारण लगातार तेजी से कटती हुई वनो की कटाई हैं| आज मनुष्य अपने स्वार्थ में पेड़ो को बहुत तेजी से काट रहा है जिसके कारण जलवायु परिवर्तन हो रहा है| ग्लेशियर पिघल रहे है| जिसका सबसे बडा उदाहरण बना आइसलैंड का ओकोजोकुल| ओकजोकुल पहला ऐसा ग्लेशियर है जिसका आधिकारिक तौर पर ग्लेशियर का दर्जा खत्म कर दिया गया है|शोक के बादल घिरे ओकोजोकुल ग्लेशियर की मान्यता खत्म

राइस विश्वविद्यालय में एंथ्रोपॉलजी की एसोसिएट प्रोफेसर सायमीनी हावे ने जुलाई में ही इसकी स्थिति को लेकर चेतावनी दी थी कि ‘विश्व में जलवायु परिवर्तन के कारण अपनी पहचान खोने वाला यह पहला ग्लेशियर होगा।’ ओकजोकुल आइसलैंड के पश्चिमी सब-आर्कटिक हिस्से में ओक ज्वालामुखी पर उपस्थित था। और पिछले कुछ वर्षों से यह लगातार पिघल रहा था|शोक के बादल घिरे ओकोजोकुल ग्लेशियर की मान्यता खत्म

आइसलैंड के निवासी अपने ग्लेशियर की समाप्ति का शोक मना रहे हैं। रविवार को प्रधानमंत्री केटरिन जोकोबस्दोतियर के नेतृत्व में मंत्रियों के समूह ने ग्लेशियर ओकजोकुल को श्रद्धांजलि दी है| आईसलैंड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकोब्स्दोतिर, पर्यावरण मंत्री गुडमुंडुर इनगी गुडब्रॉन्डसन और संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त मेरी रॉबिन्सन भी इस समारोह में शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने इस समारोह में एक सन्देश दिया कि ‘यह हमारे लिए स्वीकार करने का वक्त है कि क्या हो रहा है। जो हो रहा है उसे रोकने के लिए कौन से कदम उठाने हैं, इसकी भी हमें जानकारी है।’ वैज्ञानिको का कहना है कि हर साल आइसलैंड में करीब 11 बिलियन टन बर्फ पिघल रही है।शोक के बादल घिरे ओकोजोकुल ग्लेशियर की मान्यता खत्म

इंटरनैशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर ने अनुमान लगाया है कि अगर ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन इसी रफ्तार से होगा तो 2100 तक विश्व के आधे से अधिक ग्लेशियर पिघल जाएंगे। 1901 में ओकोजोकुल 38 स्क्वॉयर फीट किलोमीटर में फैला था जो अब घटकर 1 स्क्वॉयर किलोमीटर से भी कम रह गया।  वैज्ञानिको ने बताया है कि यह भविष्य में आने वाले खतरों की शुरुआत है। वैज्ञानिकों की एक टीम ने भविष्य में आइसलैंड के 400 ग्लेशियर के इसी तरह खत्म होने को लेकर चेतावनी दी है। ग्लेशियर के शोक में कांस्य पट्टिका का अनावरण किया गया है जिसमें इसकी वर्तमान स्थिति में जिक्र करने के साथ ही साथ बाकी ग्लेशियर के भविष्य को लेकर आगाह किया गया है|  शोक के बादल घिरे ओकोजोकुल ग्लेशियर की मान्यता खत्म

 

राइस विश्वविद्यालय में एंथ्रोपॉलजी की एसोसिएट प्रोफेसर सायमीनी हावे ने जुलाई में ही इसकी स्थिति को लेकर चेतावनी दी थी कि ‘विश्व में जलवायु परिवर्तन के कारण अपनी पहचान खोने वाला यह पहला ग्लेशियर होगा।’ ओकजोकुल आइसलैंड के पश्चिमी सब-आर्कटिक हिस्से में ओक ज्वालामुखी पर उपस्थित था। आइसलैंड के निवासी अपने ग्लेशियर की समाप्ति का शोक मना रहे हैं। शोक के बादल घिरे ओकोजोकुल ग्लेशियर की मान्यता खत्म

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