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सुबह उठते ही हथेलियों को देखने के पीछे क्या है धार्मिक मान्यताएं, जानिए

अधिकतर देखा जाता हैं कि जब हमारी सुबह की शुरुआत अच्छी होती हैं तो हमारा पूरा का पूरा दिन भी अच्छा जाता हैं दिन अच्छा व्यतीत हो इसके लिए सुबह अपने मन और घर में शांति व प्रसन्नता की कामना करते हैं तभी तो हम आंख खुलते ही कुछ भी ऐसा देखना पसंद नहीं करते
सुबह उठते ही हथेलियों को देखने के पीछे क्या है धार्मिक मान्यताएं, जानिए

अधिकतर देखा जाता हैं कि जब हमारी सुबह की शुरुआत अच्छी होती हैं तो हमारा पूरा ​का पूरा दिन भी अच्छा जाता हैं दिन अच्छा व्यतीत हो इसके लिए सुबह अपने मन और घर में शांति व प्रसन्नता की कामना करते हैं तभी तो हम आंख खुलते ही कुछ भी ऐसा देखना पसंद नहीं करते हैं जिससे हमारा मन खराब हो और उस वजह से दिन भी व्यर्थ चला जाए। व्यक्ति का दिन उसके लिए शुभ हो इसके लिए भारतीय ऋषि मुनियों ने कर दशनम का संस्कार हमें दिया हैंसुबह उठते ही हथेलियों को देखने के पीछे क्या है धार्मिक मान्यताएं, जानिए वही शास्त्रों में भी जागते ही बिस्तर पर सबसे पहले बैठकर दोनों हाथों की हथेलियों के दर्शन का विधान बताया गया हैं। वही इससे व्यक्ति की दशा सुधरती हैं और सौभाग्य में वृद्धि होती हैं जब आप सुबह नींद से जागें तो अपनी हथेलियों को आपस में मिलाकर पुस्तक की तरह खोल लें और यह श्लोक पढ़ते हुए हथेलियों का दर्शन करें।सुबह उठते ही हथेलियों को देखने के पीछे क्या है धार्मिक मान्यताएं, जानिए

कराग्रे बसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती ।
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥

वही हथेलियों के दर्शन का मूल भाव यही हैं कि हम अपने कर्म पर विश्वास करें। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि ऐसे कर्म करें जिससे जीवन में धन, सुख और ज्ञान प्राप्त कर सकें। हमारे हाथों से कोई बुरा काम न हो और दूसरों की मदर के लिए हमेशा हाथ आगे बढ़ें। कर दर्शन का दूसारा पहलू यह भी हैं, कि हमारी वृतियां भगवत चिंतन की ओर प्रवृत हों ऐसा करने से शुद्ध सात्विक कार्य करने की प्रेरणा मिलती हैं साथ ही पराश्रित न रहकर अपनी मेहनत से जीविका कमाने की भावना भी पैदा होती हैं। सुबह उठते ही हथेलियों को देखने के पीछे क्या है धार्मिक मान्यताएं, जानिए

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