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कृष्ण जन्माष्टमी: रोजाना एक लाख श्रद्धालुओं से भरे रहने वाले द्वारका नगरी में पसरा सन्नाटा

भगवान कृष्ण के जन्म को लेकर देशभर में उत्साह है लेकिन कोरोना संकट के बीच मंदिरों में सन्नाटा पसरा है। द्वारकाधीश मंदिर के शिखर पर लहराती ध्वजा के दर्शनों से ही शांति महसूस होती है। यहां कोरोना के कारण द्वारकाधीश मंदिर चार दिन के लिए बंद है। इससे मंदिर परिसर में भगवान कृष्ण जन्माष्टमी पर्व
कृष्ण जन्माष्टमी: रोजाना एक लाख श्रद्धालुओं से भरे रहने वाले द्वारका नगरी में पसरा सन्नाटा

भगवान कृष्ण के जन्म को लेकर देशभर में उत्साह है लेकिन कोरोना संकट के बीच मंदिरों में सन्नाटा पसरा है। द्वारकाधीश मंदिर के शिखर पर लहराती ध्वजा के दर्शनों से ही शांति महसूस होती है। यहां कोरोना के कारण द्वारकाधीश मंदिर चार दिन के लिए बंद है। इससे मंदिर परिसर में भगवान कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर सन्नाटा पसरा है। आम दिनो में यहां रोजाना 50 हजार से 1 लाख श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता था।

कृष्ण जन्माष्टमी: रोजाना एक लाख श्रद्धालुओं से भरे रहने वाले द्वारका नगरी में पसरा सन्नाटा स्थानीय लोगों का कहना है कि जन्माष्टमी के लिए यहां पर महीनों पहले तैयारियां शुरू हो जाती थीं। हफ्ते भर पहले द्वारकाधीश का नाद चौबिसों घंटे सुनाई देता था। लेकिन इस बार नजारा कुछ अलग दिखाई दे रहा है। जन्माष्टमी के पर्व पर द्वारका में 1 लाख भक्तों का जमावड़ा रहता था जो आज खालीपन और सन्नाटे के बीच औझल हो गया है। मंदिर के पास प्रसाद की ढ़ेरों दुकानों पर ग्राहक तक नहीं है। पहले यहां श्रद्धालुओं की भीड़ मची रहती थी लेकिन अब गिनती के श्रद्धालू पहुंच रहे हैं। इस बाजार में कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर पैर रखने तक की जगह नहीं मिलती थी लेकिन अब द्वारका की गलियों से लेकर बाजार तक सूने पड़े हैं।

कृष्ण जन्माष्टमी: रोजाना एक लाख श्रद्धालुओं से भरे रहने वाले द्वारका नगरी में पसरा सन्नाटा

द्वारका की आबादी करीब 55 हजार के करीब हैं। इस इलाके में कोरोना महामारी के 11 मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना संक्रमण के मामलों को काबू में करने के लिए यहां चार दिन तक द्वारकाधीश मंदिर को बंद करने का ऐलान किया गया है। यहां आधी से ज्यादा आबादी का जीवन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मंदिर से जुड़ा है। पूरे साल की 50 फीसदी कमाई तो यहां जन्माष्टमी के अवसर पर हो जाया करती थी।

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