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धूल के बादल तारों की रोशनी कर देते हैं मंद, जानिये क्यों

जयपुर। ब्रह्मांड का सबसे विवादास्पद जो रहा है वो है तारा केआईसी 8462852 है। इसकी रहस्य है इसके आस पास धुंधले बादल। वैज्ञानिकों ने बताया कि इनकी वजह से इस टैबी स्टार के चारों ओर डिमिंग पैटर्न बन रहे हैं। इसका राज़ खोलने के लिए नासा ने अपने स्पिटज़र और स्विफ्ट मिशन के द्वारा यह
धूल के बादल तारों की रोशनी कर देते हैं मंद, जानिये क्यों

जयपुर। ब्रह्मांड का सबसे विवादास्पद जो रहा है वो है तारा केआईसी 8462852 है। इसकी रहस्य है इसके आस पास धुंधले बादल। वैज्ञानिकों ने बताया कि इनकी वजह से इस टैबी स्टार के चारों ओर डिमिंग पैटर्न बन रहे हैं। इसका राज़ खोलने के लिए नासा ने अपने स्पिटज़र और स्विफ्ट मिशन के द्वारा यह जानकारी हासिल की है। इससे ज्ञात हुआ है कि तारों का धुंधला दिखाई देने का मुख्य कारण धूल है। बता दे कि बेल्जियम की एस्ट्रोलैब आईरिस वेधशाला ने भी इससे संबंधित आँकड़े हासिल किये हैं।धूल के बादल तारों की रोशनी कर देते हैं मंद, जानिये क्यों

शोधकर्ताओं ने इसके बारे में बताया कि ये धूल के बादल इंफ्रारेड तथा पराबैंगनी किरणों की आपसी क्रिया की वजह से उत्पन्न होते हैं इसी के साथ बताया कि तारों से निकलने वाला प्रकाश अवरक्त किरणें में कम अवशोषित होता है, जबकि पराबैंगनी किरणों की उपस्थिति में यह प्रकाश मंद हो जाता है। शोधकर्ता बताते है कि तारों के आसपास धूल के बादल होने का कारण इनकी कक्षीय गति में परिवर्तन भी हो सकता है।धूल के बादल तारों की रोशनी कर देते हैं मंद, जानिये क्यों

वैसे आपको बता दे कि किसी भी तारे के धुंधले होने का कारण उसके पास से खगोलीय पिंड का गुज़रना माना जाता है लेकिन टैबी स्टार के ये बादल कुछ अलग ही पैटर्न बनाते हैं जो कि एक रहस्य है। वैज्ञानिकों ने ऐसे बादल पहले कभी नहीं देखे हैं। तो इससे एलियन मेगास्ट्रक्चर की अवधारणा को बल मिलता है। इसके बारे में आपको जानकारी दे दे कि इससे पहले लुसियाना की स्टेट यूनिवर्सिटी ने 1890 में आकाश की डिजिटल स्केन्ड फोटोज ली थी, जिनमें टैबी स्टार के चारों तरफ धूल का आवरण आसानी से दिखाई दे रहा था।धूल के बादल तारों की रोशनी कर देते हैं मंद, जानिये क्यों

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