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इन कारणों से भी बढ़ जाता है कैंसर होने का खतरा

हाल ही में वैज्ञानिकों ने अध्ययन के बाद खुलासा किया है कि कैंसर होने का खतरा धूम्रपान के अलावा भी अन्य कारणों से बढ़ जाता है। जिसमें बताया गया है कि पीने के पानी में मौजूद आर्सेनिक भी फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकता है। ऐसे लोग जो खाद्यानों में काम करते है वो अक्सर एसबेस्टस के संपर्क में आते रहते है। इस कारण उनमें एसबेस्टस कैंसर के होने का खतरा बढ़ जाता है।
इन कारणों से भी बढ़ जाता है कैंसर होने का खतरा

जयपुर। फेफड़ों का कैंसर एक इस प्रकार का कैंसर होता है जो फेफड़ों में होता है। वैज्ञानिक बताते है कि फेफड़ों के कैंसर को दो भागों में बांटा जाता है एन.एस.सी.एल.सी. और एस.सी.एल.सी। एन.एस.सी.एल.सी. कैंसर एस.सी.एल.सी कैंसर की तुलना में अधिक पाया जाता है क्योंकि एन.एस.सी.एल.सी. कैंसर 75—80 प्रतिशत पाया जाता है जबकि एस.सी.एल.सी कैंसर 15—20 प्रतिशत पाया जाता है।

इन कारणों से भी बढ़ जाता है कैंसर होने का खतरा

विशेषज्ञ इसके बारे में बताते है कि फेफड़ों का कैंसर तब होता है, जब फेफड़ों में कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से ऊपर नीचे होने लगती है। धूम्रपान का फेफड़ों में कैसर का सबसे सामान्य कारण माना जाता है। एन.एस.सी.एल.सी. कैंसर में फेफड़ों के सभी प्रकार के कैंसर आते हैं।

इन कारणों से भी बढ़ जाता है कैंसर होने का खतरा

विशेषज्ञों के अनुसार फेफड़ो का संभावित शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है। इसके उपचार के लिए डॉक्टर सर्जरी, कीमोथेरेपी, विकिरण चिकित्सा या लक्षित चिकित्सा का प्रयोग करते हैं। विशेषज्ञ इसके फैलने के जोखिमों के बारे में बताते है कि फेफड़ों का कैंसर सामान्य मनुष्य में तभी फैलता है, जब कोई व्यक्ति धूम्रपान अत्यधिक मात्रा में पिता है।

इन कारणों से भी बढ़ जाता है कैंसर होने का खतरा

अगर आप रोजाना अधिक सिगरेट पिते है, तो कैंसर के होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसके अलावा पीने के पानी में मौजूद आर्सेनिक भी फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकता है। ऐसे लोग जो खाद्यानों में काम करते है वो अक्सर एसबेस्टस के संपर्क में आते रहते है।

इन कारणों से भी बढ़ जाता है कैंसर होने का खतरा

इस कारण उनमें एसबेस्टस कैंसर के होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा भी किसी व्यक्ति में फेफड़ों के कैंसर होने का श्रेय उसके परिवार का भी जा सकता है। दरअसल परिवार में कैंसर के रोगी होने का इतिहास आपके जीन से जुड़ा होता है। इसलिए घर के किसी सदस्य को हुई बीमारी, आपको भी हो सकती है।

हाल ही में वैज्ञानिकों ने अध्ययन के बाद खुलासा किया है कि कैंसर होने का खतरा धूम्रपान के अलावा भी अन्य कारणों से बढ़ जाता है। जिसमें बताया गया है कि पीने के पानी में मौजूद आर्सेनिक भी फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकता है। ऐसे लोग जो खाद्यानों में काम करते है वो अक्सर एसबेस्टस के संपर्क में आते रहते है। इस कारण उनमें एसबेस्टस कैंसर के होने का खतरा बढ़ जाता है। इन कारणों से भी बढ़ जाता है कैंसर होने का खतरा

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