बॉलीवुड फिल्मों पर सेंसरशिप की वजह से नहीं बन पाती अच्छी फिल्मे
बॉलीवुड फिल्मो को अब लोग देखना ज्यादा पसंद नहीं करते। वही जो कुछ अच्छी फिल्मे बॉलीवुड में बनती है उनपर सेंसर बोर्ड कैंची चला देता है। जिसके चलते कई फिल्मो का जबरदस्त नुक्सान होता है । वही ओटीटी पर ऐसा माध्यम है जहा लोग खुलकर अपने काम को दिखा सकते है। लेकिन काफी वक्त से चर्चा है की ओटीटी को भी सेंसरशिप के अंडर लेकर लाया जाए।
वही लोगो का मामना है की सेंसरशिप बॉलीवुड के फिल्म मेकर्स के लिए एक बड़ी परेशानी बन गया है। भारत जैसे आजाद देश में भी आजादी को काफी कंटोरल में रखा जाता है। आज जहा दुनिया के कई बड़े सिनेमा में लोगो को रचनात्मक स्वतंत्रता है वही भारत जैसे देश में रचनात्मक स्वतंत्रता पर सवाल खड़े किये जाते रहे है। वही जहा हम दुनिया भर के सिनेमा की बात की जाए तो अमेरिका जैसे देशो में खुलकर राजनीति और कई गंभीर मुद्दों पर फिल्मे बनाई गयी है।
लेकिन सेंसरशिप के चलते भारत में एक गंभीर राजनीति पर आधरित फिल्म नहीं बनाई जा सकी है। भारत में सेंसरशिप के नियम काफी कड़े जिसके चलते फिल्म मेकर्स को अपने कंट्रोल में रहकर काम करना होता है। जो एक अच्छे सिनेमा को आगे बढ़ने से रोकता है। भारत में हर दिन किसी ना किसी फिल्म को लेकर विरोध देखने को मिलता रहता है। वही ये विरोद कई बार हिंसक रूप ले लेता है।
ओटीटी भारतीय सिनेमा का लिए एक उम्मीद की किरण की तरह है। लेकिन लोगो के विरोध के चलते ये प्लॅटफॉर्म भी सेंसरशिप के प्रभाव में आने वाला है। आप ओटीटी को सेंसरशिप में डालने को लेकर क्या सोचते है निचे कमेंट कर के जरूर बताए।