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क्या कॉमेडियन्स का दिमाग सामान्य लोगों से तेज होता है ?

University of Oxford की तरफ से किए गए एक नए अध्ययन में ये बताया गया है कि जो लोग पेशे से कॉमेडियन होते हैं उनमें मनोवैज्ञानिक तौर पर व्यक्तित्व के गुण बहुत ही ऊंचे और कुछ अलग ही पाए जाते हैं। इस बारे में शोधकर्ताओं का कहना है कि यह इस वजह से हो सकता
क्या कॉमेडियन्स का दिमाग सामान्य लोगों से तेज होता है ?

University of Oxford की तरफ से किए गए एक नए अध्ययन में ये बताया गया है कि जो लोग पेशे से कॉमेडियन होते हैं उनमें मनोवैज्ञानिक तौर पर व्यक्तित्व के गुण बहुत ही ऊंचे और कुछ अलग ही पाए जाते हैं। इस बारे में शोधकर्ताओं का कहना है कि यह इस वजह से हो सकता है कि वे हर चीज को एक अलग ढ़ंग से सोचते हैं वो ही उन्हें लोगों का मनोरंजन कराने की क्षमता प्रदान करता है। किसी चीज में रचनात्मक के तत्वों को पैदा करके उससे हास्य बनाने ठीक वैसा ही जैसे कि किसी की दिमाग से किसी नए विचार को ईजाद किया गया हो।

रचनात्मक लोगों के बीच और कुछ मनोवैज्ञानिक लक्षणों के बीच लिंक पाया जाना कुछ नया नहीं है, इससे पहले भी कई शोध में ये बताय जा चुका है कि बेहद रचनात्मक लोगों में डोपामाइन का लेवल उतना ही होता है जितना कि किसी schizophrenia से पीड़ित व्यक्ति में होता है। इसके अतिरिक्त, यह भी पाया गया है कि रचनात्मक लोग मानसिक विकारों के उच्च जोखिमों में रहते हैं। वर्तमान अध्ययन में, शोधकर्ता यह जानना चाहते थे कि क्या कॉमेडियन्स भी इस तरह की समस्याओं से पीड़ित रहते हैं। अध्ययन के लिए 523 कॉमेडियन को शामिल थे जिनमें से 404 पुरुष और 119 महिलाएं थी।

सभी लोगों के मनोवैज्ञानिक लक्षणों को जांचने के लिए उन्हें कुछ प्रश्नों के जवाब देने के लिए कहा गया। अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने आए हुए सारे लोगों की आपस में प्रतिक्रियाओं के आधार पर तुलना की और पाया कि जो लोग कॉमेडी से जुड़े हुए थे उन्होंने मनोवैज्ञानिक लक्षणों का हाई लेवल पर प्रदर्शन किया।

 

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