क्या चिंपांजी के अनाथ हो जाने के बाद आता है उनके व्यवहार में कोई बदलाव, जानिए
एक नए अध्ययन से पता चला है कि मां का प्यार किसी बच्चे के बचपन की नींव बनाने के लिए कितना जरूरी है। अध्ययन में ये पाया गया कि जो चिम्पाजी अपनी लाइफ के शुरूआती दो साल बिना मां के रहते हैं वे बड़े होकर सोशल इंटरेक्शन्स और संबंध बनाने में कमजोर रहते हैं।
दूसरे शब्दों में, वे अन्य चिंपाजी की तरह से समान स्तर पर सामाजिक सहभागिता नहीं निभा पाते हैं। अध्ययन को मुख्य रूप से जंगली चिंपांजियों तक ही सीमित रखा गया था। चिंपांजियों का बायो मेडिकल रीसर्च टेस्ट करने के बाद
टीम ने देखा कि जो चिंपांजी अपने जीवन के शुरूआती दो सालों में अपनी मां से दूर रहते हैं या जिनकी मां की मौत हो जाती है वे सामाजिक रूप से अन्य से अलग होते हुए बड़े होते हैं। तथा अपनी क्म्यूनिटी के अन्य जानवरों के साथ संबंध नहीं बना पाते हैं। किसी भी जानवर जीवन जीने के लिए अपनी कम्यूनिटी में सामाजिक संबंधों को बनाना बहुत ही कठिन और जरूरी काम होता है।
अनाथ चिंपांजी किसी अन्य जानवर से साझेदारी करने के मामले में भी कमजोर थे और कम सक्रिय भी पाए गए। वैज्ञानिकों को दोनों तरह के चिंपांजियो जैसे जिन्हें लैब में रखा गया था या जिन्हें जू में अकेले रखा गया था, सभी पर एक ही तरह के परिणाम देखने को मिले।
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