आखिर क्यों होती है बियर की बोतलें हरे और भूरे रंग की
जयपुर। देश और दुनिया में कई लोग बियर का सेवन करते है। लेकिन इनमें से शायद ही किसी को पता होगा कि बियर की बोतलों का रंग हरा या भूरा ही क्यों होता है। बियर की ब्राण्ड महंगी हो या सस्ती लेकिन सभी की बोतलों का रंग या तो हरा होता है या फिर भूरा।
कई लोगों को बियर का सेवन करते हुए सालों गुजर गये है पर वा भी शायद इस बात पर कभी गौर नहीं करते है। कहा जाता है कि बियर को दुनिया की सबसे पुरानी ऐल्कॉहोलिक ड्रिंक माना जाता है। हालांकि यह भी कहा जाता है कि पुराने समय में बियर को पारदर्शी बोतलों में बेचा जाता था।
लेकिन जब इस पर रिसर्च किया गया तो, पता चला कि सूरज से आने वाली पैराबैंगनी किरणों से बियर में मौजूद एसिड रिएक्ट कर रहा है। एसिड के रिएक्ट करने से बियर की खुशबु और स्वाद खराब हो जाता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए आगे अध्ययन किया गया तो पाया कि इससे बचने के लिए बियर की बोतलों का रंग ऐसा होना चाहिए जिस पर सूरज की पैराबैंगनी किरणों का कोई असर न पड़े।
इसके बाद रिसर्चरों ने ऐसे रंग का पता किया जिस पर सूरज की पैराबैंगनी किरणों का कोई असर न होता हो। वैज्ञानिकों ने इसके संबंध में भूरे रंग का सुझाव दिया। शोध के बाद बियर में भूरे रंग की बोतलों का इस्तेमाल शुरू किया गया। हालांकि द्वितिय विश्व युद्ध के बाद भूरे रंग की बातलों की कमी आ गई।
फिर इस समस्या को दूर करने के लिए वैज्ञानिकों ने हरे रंग के इस्तेमाल की सलाह दी। बस तभी से बियर की बोतलों का रंग भूरा और हरा हो गया जो अभी भी चल रहा है।