पानी के प्रकारों में से शरीर के लिए कौनसा प्रकार रहता है सबसे अच्छा
जयपुर। इंसान हो, जानवर हो या पेड़—पौधे हर कोई पानी के बिना नहीं रह सकता है। इन सभी का जीवनचक्र पानी से जुड़ा हुआ है। पानी के जीवन, सोचना भी कठिन होता है। इंसान के शरीर में सबसे ज्यादा मात्रा पानी की ही पायी जाती हैं। पूरे शरीर मे 70 प्रतिशत पानी होता है। एक शोध में सामने आया है कि पानी के 7 प्रकार होते है,हर प्रकार के अलग—अलग फायदे और नुकसान हो सकते हैं। आइए पानी के इन प्रकारों के बारे में चर्चा करें।
- टेप वॉटर
ये पानी सभी के घरों में मिल जाता है। ये पाइपों की सहायता से नलों में आता है। इस पानी को पीने लायक माना भी जा सकता है और नहीं भी। भारत में इस पानी का इस्तेमाल ,कपड़े धोने, बर्तन धोने आदि कार्यों में काम लिया जाता है। टेप वॉटर को पीने के लिए ऐसे इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है, इसे पीने के लिए या तो उबलना होगा या फिर फिल्टर करना होगा।
- मिनरल वॉटर
इस पानी में मिनरल की भरपूर मात्रा पायी जाती है। इस पानी को फायदेमंद रहता है। परन्तु हर कोई इस पानी को नही खरीद सकता है।
- स्प्रिंग वॉटर
ये ग्लेशियर वॉटर होता है, जो बोतलबंद होता है। जब तक इसकों ट्रीट नहीं किया जाता तब तक यह अशुद्ध होता है।
- स्पार्कलिंग वॉटर
ये सोड़ा पानी के नाम से भी जाना जाता है। ये ज्यादातर महेंगे रेस्त्रां या होटलों में मिलता है। ये शरीर के लिए बिलकुल भी सेहतमंद नहीं होता है।
- प्योरिफाइड वॉटर
ये पानी अपने स्रोतों आकर शुद्धकरण की प्रक्रिया के बाद बनता है। ये स्वास्थ्य के लाभदायक माना जाता है।
- वेल वॉटर
इस पानी सबसे गंदा पानी माना जाता है,क्योंकि बारिश से सीधा भूमिगत हो जाता है। इसको प्यूरिफिकेशन की प्रक्रिया के बाद ही पीना चाहिए।
- डिस्टिल्ड वॉटर
इस पानी को डिस्टिल्ड प्रक्रिया से गुजारा जाता है,जिससे इसकी सारी अशुद्धिया खत्म हो जाती है। उबालकर पीया जाने वाला पानी इसी श्रेणी में आता है।