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जानिए कॉस्मिक किरणों का क्या प्रभाव पड़त है पृथ्वी के वातावरण पर

हाल ही में जापान के कोबे विश्वविद्यालय के शोधकर्त्ताओं ने कॉस्मिक किरणों के पृथ्वी पर प्रभाव को जानने के लिए 7,80,000 साल पहले पृथ्वी पर हुए अंतिम भू-चुंबकीय उत्क्रमण का विश्लेषण किया।जिसमें पाया कि इस अवधि के दौरान जहां पृथ्वी की चुबंकिय शक्ति एक—चौथाई कम हुई वहीं पर गेलेक्टिक कॉस्मिक किरणों में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई।सका असर ये हुआ कि वार्षिक औसत तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई। इसके बाद वैज्ञानिकों ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन को जानने में गेलेक्टिक कॉस्मि किरणों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।
जानिए कॉस्मिक किरणों का क्या प्रभाव पड़त है पृथ्वी के वातावरण पर

जयपुर। वैसे तो पृथ्वी कई किरणों से प्रभावित होती है लेकिन एक और किरण ऐसी है जो अंतरिक्ष से आती है और पृथ्वी बादलों के आवरण में वृद्धि करके ‘अम्ब्रेला इफ़ेक्ट’जैसी स्थिति बनाते हैं।

जानिए कॉस्मिक किरणों का क्या प्रभाव पड़त है पृथ्वी के वातावरण पर

हाल ही में वैज्ञानिकों द्वारा किया गये शोध के अनुसार बताया गया है कि ये ऐसी किरणें होती है, जो अंतरिक्ष से पृथ्वी पर पड़ने वाले उच्च-ऊर्जा विकिरण बादलों के आवरण में वृद्धि करके ‘अम्ब्रेला इफ़ेक्ट’ जैसी स्थिति बनाते हैं, जो पृथ्वी की जलवायु को प्रभावित कर सकते हैं।

जानिए कॉस्मिक किरणों का क्या प्रभाव पड़त है पृथ्वी के वातावरण पर

इन उच्च—ऊर्जा विकिरणों को गेलेक्टिक कॉस्मिक किरणें भी कहा जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक वायुमंडलीय तापमान तथा वायु में उपस्थित जलवाष्प की मात्रा के साथ-साथ अंतरिक्ष के माध्यम से आने वाली कॉस्मिक किरणें भी बादल बनने की दिशा में योगदान करती हैं।

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वैज्ञानिकों ने शोध के बाद बताया है कि गेलेक्टिक कॉस्मिक किरणें बादलों के निर्माण में वृद्धि करती है या बादलों के वैश्विक स्तर पर बादलों के आवरण को बढ़ा सकती हैं इससे अंततः पृथ्वी का वातावरण प्रभावित होता है। इस अध्ययन में जानकारी प्राप्त करने के लिए जापान के कोबे विश्वविद्यालय के शोधकर्त्ताओं ने 7,80,000 साल पहले पृथ्वी पर हुए अंतिम भू-चुंबकीय उत्क्रमण का विश्लेषण किया। जिसमें पाया कि इस अ​वधि के दौरान जहां पृथ्वी की चुबंकिय शक्ति एक—चौथाई कम हुई वहीं पर गेलेक्टिक कॉस्मिक किरणों में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई।

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इसका असर ये हुआ कि वार्षिक औसत तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट तथा जापान में ओसाका खाड़ी में तलछट से वार्षिक तापमान में वृद्धि को दर्ज किया गया। जिसके बाद वैज्ञानिकों ने बताया कि यदि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन की घटनाओं में वृद्धि के साथ ग्लोबल वार्मिंग को अच्छे से समझना है तो उसके लिए गेलेक्टिक कॉस्मिक किरणों की भूमिका को समझना महत्त्वपूर्ण हो सकता है।

हाल ही में जापान के कोबे विश्वविद्यालय के शोधकर्त्ताओं ने कॉस्मिक किरणों के पृथ्वी पर प्रभाव को जानने के लिए 7,80,000 साल पहले पृथ्वी पर हुए अंतिम भू-चुंबकीय उत्क्रमण का विश्लेषण किया।जिसमें पाया कि इस अ​वधि के दौरान जहां पृथ्वी की चुबंकिय शक्ति एक—चौथाई कम हुई वहीं पर गेलेक्टिक कॉस्मिक किरणों में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई।सका असर ये हुआ कि वार्षिक औसत तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई। इसके बाद वैज्ञानिकों ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन को जानने में गेलेक्टिक कॉस्मि किरणों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। जानिए कॉस्मिक किरणों का क्या प्रभाव पड़त है पृथ्वी के वातावरण पर

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