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इस मौसम में बढ़ जाती है साइनस की परे​शानी

साइनस के बारे में विशेषज्ञ बातते है कि ये एक दरअसल, हमारी खोपड़ी में बहुत-सारी कैविटीज़ (खोखले छेद) होती हैं। ये हमारे सिर को हल्का बनाए रखने और सांस लेने में मदद करती हैं। इन छेदों को साइनस कहते हैं। विशेषज्ञ बताते है कि अगर इन छेदों में बलगम भर जाता है, तो सांस लेने में परेशानी होने लग जाती है। इस समस्या को ही साइनोसाइटिस कहते हैं। इसके होने का खतरा बदलते मौसम में बढ़ जाता है।
इस मौसम में बढ़ जाती है साइनस की परे​शानी

जयपुर। दरअसल, हमारी खोपड़ी में बहुत-सारी कैविटीज़ (खोखले छेद) होती हैं। ये हमारे सिर को हल्का बनाए रखने और सांस लेने में मदद करती हैं। इन छेदों को साइनस कहते हैं। विशेषज्ञ बताते है कि अगर इन छेदों में बलगम भर जाता है, तो सांस लेने में परेशानी होने लग जाती है।

इस मौसम में बढ़ जाती है साइनस की परे​शानी

इस समस्या को ही साइनोसाइटिस कहते हैं। आम बोलचाल में इसे साइनस भी कहा जाता है। हर साल बड़ी संख्या में लोग इसकी चपेट में आते हैं या कहें कि हर साल इसके नए मामले आते हैं। कई बार लोग हल्का—फुल्का सिरदर्द या कफ होने का आम ​बात मानते है।

इस मौसम में बढ़ जाती है साइनस की परे​शानी

लेकिन उनका ऐसा मानना उनके स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकता है। अन्य रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हर साल साइनस के ​रोगियों के दुनिया भर में हजारों नए मामले सामने आते हैं। जिन लोगों को एलर्जिक साइनस होता है, उन्हें पोलन सीजन और सर्दियों में स्मॉग होने पर समस्या बढ़ने का खतरा रहता है।

इस मौसम में बढ़ जाती है साइनस की परे​शानी

पहले जुकाम और प्रदूषण की वजह से गले में खिचखिच पैदा होती है। इसी के साथ नाक बंद होना, नाक बहना और बुखार जैसी शिकायतें होने लगती हैं। बदलते में मौसम में इस बीमारी के बढ़ने का खतरा बना रहता है। विशेषज्ञ इससे बचने के लिए उपाय बताते है। बदलते मौसम में साइनस की समस्या से बचने के लिए नमक का पानी का नाक में डालकर इस्तेमाल करना इस समस्या से काफी मदद दिलाता है।

इस मौसम में बढ़ जाती है साइनस की परे​शानी

अजवायन के तेल को भी साइनोसाइटिस के इलाज के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। विशेषज्ञ बताते है कि अगर किसी व्यक्ति को साइनोसाटिस से तुरंत फायदा चाहिए तो हल्दी और अदरक से बनी चाय का सेवन इसमें मदद कर सकती है। इसके अलावा पानी की कमी से बच कर रहे। ये समस्या पानी की कमी के कारण जल्दी उत्पन्न होती है। अगर ये समस्या सर्दियों में होती है, तो पानी को भांप को लेने से भी फायदा मिलता है।

साइनस के बारे में विशेषज्ञ बातते है कि ये एक दरअसल, हमारी खोपड़ी में बहुत-सारी कैविटीज़ (खोखले छेद) होती हैं। ये हमारे सिर को हल्का बनाए रखने और सांस लेने में मदद करती हैं। इन छेदों को साइनस कहते हैं। विशेषज्ञ बताते है कि अगर इन छेदों में बलगम भर जाता है, तो सांस लेने में परेशानी होने लग जाती है। इस समस्या को ही साइनोसाइटिस कहते हैं। इसके होने का खतरा बदलते मौसम में बढ़ जाता है। इस मौसम में बढ़ जाती है साइनस की परे​शानी

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