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क्या आप जानते हैं पौधे एक दूसरे से बातचीत करते हैं, एक दूसरे की मदद भी करते हैं जानिए कैसे?

एक नए अध्ययन में पाया गया है कि पौधों ने nanomechanical कंपनों के माध्यम से आपस में बात करते हैं। और पास के पौधों के विकास में भी मदद करते है। यहां तक कि जब उन दोनों के बीच संपर्क, रासायनिक, और प्रकाश मध्यस्थता संकेतों जैसे संचार के अन्य रूप ब्लॉक हो जाते हैं। इस अध्ययन
क्या आप जानते हैं पौधे एक दूसरे से बातचीत करते हैं, एक दूसरे की मदद भी करते हैं जानिए कैसे?

एक नए अध्ययन में पाया गया है कि पौधों ने nanomechanical कंपनों के माध्यम से आपस में बात करते हैं। और पास के पौधों के विकास में भी मदद करते है। यहां तक ​​कि जब उन दोनों के बीच संपर्क, रासायनिक, और प्रकाश मध्यस्थता संकेतों जैसे संचार के अन्य रूप ब्लॉक हो जाते हैं। इस अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने पाया कि तुलसी पौधों के साथ लगाए जाने पर मिर्च के पौधे बेहतर होते हैं।

अध्ययन के लिए, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने मिर्च के पौधों (Capsicum annuum) को उगाकर,  अन्य मिर्च के पौधों के साथ इसे जोड़ा या तुलसी के पौधों (Ocimum basilicum) के साथ युग्मित करके मिर्च के पौधों को विकसित करने की कोशिश की।

पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय से पिछले शोध से पता चला है कि पौधे को किसी ध्वनि का जवाब दे सकता है और क्लिक करके अन्य पौधों से बात कर सकते हैं।इस अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने पाया कि बीज अंकुरण काफी बेहतर था जब मिर्च के बीज को तुलसी के बीज के साथ उगाया गया था। जबकि केवल मिर्च के पौधों का बीज अंकुरण बहुत कम था।

बीज अंकुरण के बाद, मिर्च के पौधों को प्लास्टिक की थैलियों में कवर किया गया ताकि वे अपने पड़ोसी पौधों से बातचीत नहीं कर सके। हालांकि इससे उनके बढ़ने पर कोई बदलाव नहीं आया। कुछ ऐसे पौधे भी हैं जो मिर्च के अंकुरण को बढ़ावा नहीं देते हैं उनमें सौंफ शामिल है। इसमें कुछ ध्वनिक संकेत होते हैं जिनका आदान प्रदान कर ये पौधे आपस में इंटरएक्शन करते हैं।

कुछ पौधे दूसरे पौधे इस विकास को रोक भी सकते हैं। अध्ययन “Love thy neighbour: facilitation through an alternative signalling modality in plants  बीएमसी पारिस्थितिकी पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।

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