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वायु प्रदूषण दे रहा अग्नाश्य के कैंसर को बढ़ावा

हाल ही में हुए अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि वायु प्रदूषण के कारण फेफड़ों के कैंसर में बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में हुए अध्ययन में फेफड़ों के कैंसर के 80,000 नए मामले सामने आये हैं। वायु प्रदूषण न सिर्फ फेफड़ों के कैंसर से संबंधित है बल्कि यह स्तन कैंसर, जिगर के कैंसर और अग्नाशय के कैंसर से भी जुड़ा है।
वायु प्रदूषण दे रहा अग्नाश्य के कैंसर को बढ़ावा

जयपुर। वातावरण में फैल रहे प्रदूषण के कारण लोगों में कई तरह के रोगों के होने का खतरा बढ़ रहा है। हाल ही में हुए अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने जानकारी दी है कि वायु प्रदूषण के कारण लोगों के अग्नाश्य के कैंसर का बढ़ावा मिल रहा है।

वायु प्रदूषण दे रहा अग्नाश्य के कैंसर को बढ़ावा

वायु प्रदूषण और फेफड़ों के कैंसर के परस्पर संबंध के बारे में दशकों से जानकारी है। विज्ञान ने यह साबित किया है कि वायु प्रदूषण कैंसर के जोखिम को कई गुना बढ़ाता है और अत्यधिक वायु प्रदूषण फेफड़े के अलावा दूसरे अन्य तरह के कैंसर का कारण बन सकता है।

वायु प्रदूषण दे रहा अग्नाश्य के कैंसर को बढ़ावा

वैज्ञानिक बताते है कि प्रदूषण इसलिए, कैंसरकारी माना जाता है क्योंकि यह धूम्रपान और मोटापे की तरह प्रत्यक्ष रूप से कैंसर के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है। यह भी महत्वपूर्ण है कि वायु प्रदूषण सभी को प्रभावित करता है। शोध में खुलासा किया गया है कि  हवा में मौजूद धूल के महीन कण जिन्हें ‘पार्टिकुलेट मैटर’ या पीएम कहा जाता है, वायु प्रदूषण का एक बड़ा हिस्सा बनते हैं।

वायु प्रदूषण दे रहा अग्नाश्य के कैंसर को बढ़ावा

सबसे महीन आकार का कण, जो कि एक मीटर के 25 लाखवें हिस्से से भी छोटा होता है प्रदूषण की वजह से होने वाले फेफड़ों के कैंसर की प्रमुख वजह है। अनेक शोधों में यह साबित हो चुका है कि  वायु में पीएम की मात्रा 2.5 से अधिक होने के साथ ही फेफड़ों के कैंसर का जोखिम भी बढ़ जाता है। ये फेफड़ों के जरिए आसानी से हमारे रक्त में घुलकर फेफड़ों की कोशिकाओं को क्षति पहुंचाने के अलावा उन्हें ऑक्सीडाइज भी करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप शरीर को नुकसान पहुंचता है।

वायु प्रदूषण दे रहा अग्नाश्य के कैंसर को बढ़ावा

हाल ही में हुए अध्ययन में फेफड़ों के कैंसर के 80,000 नए मामले सामने आये हैं।  वायु प्रदूषण न सिर्फ फेफड़ों के कैंसर से संबंधित है बल्कि यह स्तन कैंसर, जिगर के कैंसर और अग्नाशय के कैंसर से भी जुड़ा है। वायु प्रदूषण मुख और गले के कैंसर का भी कारण बनता है। ऐसे में मनुष्यों के लिए एकमात्र रास्ता यही बचा है कि वायु प्रदूषण से मिलकर मुकाबला किया जाए।

हाल ही में हुए अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है​ कि वायु प्रदूषण के कारण फेफड़ों के कैंसर में बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में हुए अध्ययन में फेफड़ों के कैंसर के 80,000 नए मामले सामने आये हैं। वायु प्रदूषण न सिर्फ फेफड़ों के कैंसर से संबंधित है बल्कि यह स्तन कैंसर, जिगर के कैंसर और अग्नाशय के कैंसर से भी जुड़ा है। वायु प्रदूषण दे रहा अग्नाश्य के कैंसर को बढ़ावा

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