आज हम आपको एक ऐसी मजार के बारे में बताने जा रहे है जहां पर लोग हादसे से बचने के लिए मजार में घड़िया चढ़ाते हैं । यह कोई बड़ी मजार नहीं है बल्कि केवल 9 गज की ही मजार है। आपको बता दें कि यह मजार हरियाणा में अंबाला-दिल्ली नेशनल हाइवे पर बनी हुई है ।
यहां पर इसके पीछे दो पुरानी मान्यता हैं । जिसमे एक वर्ग तो यह मानता है कि जिन पीर बाबा की ये मजार है, वह समय के बहुत पाबंद थे। जिसके कारण् ही यहां पर चढ़ावें के रूप में घड़ियां चढ़ाई जाती है।
वास्तव में, यह नौगजा पीर सैयद इब्राहिम बादशाह की मजार है। जो कि इराक से यहां पर आए थे । इसके साथ ही आपको बता दें कि वे एक संत थे और उनका कद करीब 8 गज था । शाहबाद के पास स्थित यह जगह दो कारणों से प्रसिद्ध है। पहला यह कि श्रद्धालु इस मजार पर चढ़ावे में घड़ियां चढ़ाते हैं और दूसरा यह कि यह जगह हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक मानी जाती है क्यों कि यहां हिंदू और मुस्लिम दोनों ही वर्ग के लोग आते हैं ।
बताया जाता है कि इस पीर की देखरेख का जिम्मा रेडक्रॉस के पास है। सप्ताह में गुरुवार और रविवार के दिन इस मजार पर मेला भी लगता है।