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नहीं मिल रही सपनों की राजकुमारी तो सात अंजली जल के इस उपाय को करें शुरु आज से

जयपुर। अगर विवाह में बाधा आ रही है, या फिर सपनों की रामकुमारी नहीं मिल रही है, तो इसके लिए हम इस लेख में कुछ खास उपाय बता रहें हैं जिन को करने से सपनों की राजकुमारी मिलेगी व विवाह बाधा दूर होगी। इस उपाय को विश्वास के साथ व गुप्त तरीके से करें जिससे
नहीं मिल रही सपनों की राजकुमारी तो सात अंजली जल के इस उपाय को करें शुरु आज से

जयपुर। अगर विवाह में बाधा आ रही है, या फिर सपनों की रामकुमारी नहीं मिल रही है, तो इसके लिए हम इस लेख में कुछ खास उपाय बता रहें हैं जिन को करने से सपनों की राजकुमारी मिलेगी व विवाह बाधा दूर होगी। इस उपाय को विश्वास के साथ व गुप्त तरीके से करें जिससे उपाय के सफल होने की संभावना बड़ जाती है।

नहीं मिल रही सपनों की राजकुमारी तो सात अंजली जल के इस उपाय को करें शुरु आज से

इसके लिए विश्वास के साथ इस खास उपाय को करना होगा जिससे आसानी से विवाह बाधा का अंत होगा। इसके लिए अविवाहित  लोगो को रोज नियमित सुबह उठ कर स्नान करने के बाद सात अंजुली जल को ”विश्वावसु” नामक गंधर्व को अर्पित कर पूजा करनी होगी व नीचे दिये मंत्र का सच्चे मन से 108 बार मन ही मन जाप करना होगा।

नहीं मिल रही सपनों की राजकुमारी तो सात अंजली जल के इस उपाय को करें शुरु आज से

इस काम को करते समय इसे गुप्त रखें इस बारे में केवल अपने परिजनों के अलावा किसी ओर को ना बताएं कि आप विवाह के उद्देश्य से जपानुष्ठान कर रहें हैं। इसके साथ ही शाम के समय एक माला का जप मानसिक रूप में करें। ऐसा करने से एक माह के अंदर ही सुंदर, सुशील और सुयोग्य कन्या से विवाह निश्चित हो जाएगा। इसके साथ ही विचारों से सुंदर कन्या से विवाह होगा जो पूरे जीवन आपको खुश रखेंगी।

नहीं मिल रही सपनों की राजकुमारी तो सात अंजली जल के इस उपाय को करें शुरु आज से

मंत्र :


विश्वावसुर्नामगं धर्वो कन्यानामधिपतिः।

स्वरूपां सालंकृतां कन्या देहि मे नमस्तस्मै॥

विश्वावस्वे स्वाहा॥”

नहीं मिल रही सपनों की राजकुमारी तो सात अंजली जल के इस उपाय को करें शुरु आज से

इस प्रकार से विश्वावसु नामक गंधर्व को सात अंजुली जल अर्पित करके उपरोक्त मंत्र/विद्या का जप करने से एक माह के अंदर अलंकारों से सुसज्जित श्रेष्ठ पत्नी की प्राप्ति होती है।

पानीयस्यान्जलीन सप्त दत्वा, विद्यामिमां जपेत्।

सालंकारां वरां कन्यां, लभते मास मात्रतः॥

ॐ विश्वावसु गंधर्व कन्यानामधिपति।

सुवर्णा सालंकारा कन्यां देहि मे देव॥

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