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सामानों का उपयोग तुरंत करें बंद और दें स्वस्थ भारत बनाने में योगदान

प्लास्टिक वेस्ट ट्रीटमेंट की नई तकनीकें विकसित करने के प्रयासों को प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिए पर्यावरण मंत्रालय आर्थिक सहायता भी देता है। सरकारी दफ्तरों में प्लास्टिक के गैर जरूरी इस्तेमाल को हतोत्साहित करें। पानी की बोतलें, प्लास्टिक फूल, सजावटी सामग्री, बर्तन, फोल्डर का इस्तेमाल नहीं करें। लोगों में प्लास्टिक के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाएं।
 सामानों का उपयोग तुरंत करें बंद और दें स्वस्थ भारत बनाने में योगदान

 

जयपुर । आज कल आए दिन हमको किसी न किसी के कैंसर से पीड़ित होने की खबर आ ही रही है । जिधर भी देखो उधर कोई न कोई इस बीमारी से ग्रसित नजर आता ही है । इस बीमारी ने किसी को भी नहीं बख्शा है इतना ही नहीं कैंसर के कारण कई नामी गिरामी हस्तियों की भी जान जा चुकी है । सामानों का उपयोग तुरंत करें बंद और दें स्वस्थ भारत बनाने में योगदान

कैंसर की बीमारी का कारण मूल रूप से हमारी जीवन शेली और हमारे काम में लेने वाली कई तरह की चीज़ें है । जिसकी जानकारी हमको नहीं है । हम हमारी सुविधाओं को देख कर ही सामानों का उपयोग करना शुरू कर देते है  यह ध्यान नहीं देते हैं की इसका हमारी सेहत पर क्या असर होता है । आइये जानते हैं की किन चीजों का इस्तेमाल हमको इसके चलते बंद कर देना चाहिए । सामानों का उपयोग तुरंत करें बंद और दें स्वस्थ भारत बनाने में योगदान

स्टिक वेस्ट ट्रीटमेंट की नई तकनीकें विकसित करने के प्रयासों को भी प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिए पर्यावरण मंत्रालय आर्थिक सहायता भी देता है। सरकारी दफ्तरों में प्लास्टिक के गैर जरूरी इस्तेमाल को हतोत्साहित करें। जैसे पानी की बोतलें, प्लास्टिक के फूल, सजावटी सामग्री, बर्तन, फोल्डर आदि का इस्तेमाल नहीं करें। लोगों में प्लास्टिक के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाएं। सामानों का उपयोग तुरंत करें बंद और दें स्वस्थ भारत बनाने में योगदान

केंद्र की तरफ से कहा गया है कि पांच राज्यों हिमाचल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कश्मीर और पंजाब में पहले से इस संबंध में कानून बने हुए हैं। केंद्र सरकार ने इन उत्पादों को प्रतिबंधित करने के लिए कोई कानूनी प्रावधान नहीं किए हैं। लेकिन राज्यों को इस दिशा में कानून बनाने की सलाह दी है। सामानों का उपयोग तुरंत करें बंद और दें स्वस्थ भारत बनाने में योगदान

प्लास्टिक वेस्ट ट्रीटमेंट की नई तकनीकें विकसित करने के प्रयासों को प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिए पर्यावरण मंत्रालय आर्थिक सहायता भी देता है। सरकारी दफ्तरों में प्लास्टिक के गैर जरूरी इस्तेमाल को हतोत्साहित करें। पानी की बोतलें, प्लास्टिक फूल, सजावटी सामग्री, बर्तन, फोल्डर का इस्तेमाल नहीं करें। लोगों में प्लास्टिक के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाएं। सामानों का उपयोग तुरंत करें बंद और दें स्वस्थ भारत बनाने में योगदान

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