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16 दिनों तक भूलकर भी न करें ये काम

श्राद्ध में कई ऐसे कार्य होते हैं जिन्हें वर्जित माना जाता हैं उनके मुताबिक श्राद्ध में कोई भी नया काम शुरू नहीं करना चाहिए यह शुभ नहीं होता हैं। वही श्राद्ध में नए घर का निर्माण और प्रवेश नहीं करना चाहिए। इससे हानि होती हैं वही इसके साथ ही विवाह संबंधी कार्यों को भी वर्जित माना जाता हैं। किसी भी तरह की खरीदारी भी श्राद्ध में वर्जित मानी जाती हैं।
16 दिनों तक भूलकर भी न करें ये काम

हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक श्राद्ध पितरों के प्रति मन में सम्मान और श्रद्धा का भाव लेकर करना उचित माना जाता हैं वही इस साल श्राद्ध पक्ष 14 सितंबर से शुरू होगा। वही 13 सितंबर को पूर्णिमा का श्राद्ध हैं। वही 16 दिन तक चलने वाले श्राद्ध पक्ष के दौरान लोग पितरों को श्रद्धा अर्पित करते हैं इसके अतिरिक्त 25 सितंबर को एक साथ दो श्राद्ध होंगे। वही पुजारी के मुताबिक साल मे श्राद्ध पक्ष के 16 दिन पितरों के प्रति श्रद्धा अर्पित करने का समय माना जाता हैं। वही 28 सितंबर को श्राद्ध का समापन होगा। द्वितीय श्राद्ध 15 सितंबर की दोपहर 12: 24 बजे से लेकर 16 सितंबर की दोपहर 2:36 बजे तक रहेगा। 16 दिनों तक भूलकर भी न करें ये काम

वही द्वितीय तिथि बढ़ी हुई हैं 25 सितंबर को एकादशी और द्वादशी के श्राद्ध एक साथ होंगे 28 सितंबर को सर्व पितृ श्राद्ध किए जाएंगे वही इसके बाद 29 सितंबर से नवरात्र शुरू होंगे। जो कि आठ अक्तूबर तक रहेगे। वही श्राद्ध कार्य के तर्पण अपराह्न के बाद किए जाते हैं जिन सनातन को पितृ दोष, कुंडली दोष, व्यवसाय में बढ़ोत्तरी नहीं हो रही हैं, बच्चों का पढ़ाई में नही हैं वह विधि पूर्वक पितरों का श्राद्ध कर सकता हैं।16 दिनों तक भूलकर भी न करें ये काम

बता दें कि श्राद्ध में कई ऐसे कार्य होते हैं जिन्हें वर्जित माना जाता हैं उनके मुताबिक श्राद्ध में कोई भी नया काम शुरू नहीं करना चाहिए यह शुभ नहीं होता हैं। वही श्राद्ध में नए घर का निर्माण और प्रवेश नहीं करना चाहिए। इससे हानि होती हैं वही इसके साथ ही विवाह संबंधी कार्यों को भी वर्जित माना जाता हैं। किसी भी तरह की खरीदारी भी श्राद्ध में वर्जित मानी जाती हैं। 16 दिनों तक भूलकर भी न करें ये काम

श्राद्ध में कई ऐसे कार्य होते हैं जिन्हें वर्जित माना जाता हैं उनके मुताबिक श्राद्ध में कोई भी नया काम शुरू नहीं करना चाहिए यह शुभ नहीं होता हैं। वही श्राद्ध में नए घर का निर्माण और प्रवेश नहीं करना चाहिए। इससे हानि होती हैं वही इसके साथ ही विवाह संबंधी कार्यों को भी वर्जित माना जाता हैं। किसी भी तरह की खरीदारी भी श्राद्ध में वर्जित मानी जाती हैं। 16 दिनों तक भूलकर भी न करें ये काम

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