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दिवाली की रात लक्ष्मी गणेश की साथ में क्यों होती हैं पूजा

जिस तरह त्योहार को मनाने के पीछे एक कहानी होती हैं उसी तरह से पूजा विधियों के पीछे भी कोई ना कोई कारण छुपा हुआ होता हैं जैसे कि दिवाली की रात लक्ष्मी गणेश की पूजा एक साथ क्यों की जाती हैं इस पूजा विधि से कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई मानी जाती हैं एक पौराणिक कथा के मुताबिक महालक्ष्मी ने भगवान श्री गणेश को पुत्र मानकर गोद लिया था।
दिवाली की रात लक्ष्मी गणेश की साथ में क्यों होती हैं पूजा

आपको बता दें, कि दिवाली का पर्व हिंदू धर्म के लिए बहुत ही खास और बड़ा त्योहार होता हैं जिस तरह त्योहार को मनाने के पीछे एक कहानी होती हैं उसी तरह से पूजा विधियों के पीछे भी कोई ना कोई कारण ​छुपा हुआ होता हैं जैसे कि दिवाली की रात लक्ष्मी गणेश की पूजा एक साथ क्यों की जाती हैं इस पूजा विधि से कई पौरा​णिक कथाएं जुड़ी हुई मानी जाती हैंदिवाली की रात लक्ष्मी गणेश की साथ में क्यों होती हैं पूजा एक पौराणिक कथा के मुताबिक महालक्ष्मी ने भगवान श्री गणेश को पुत्र मानकर गोद लिया था। इसलिए शुभ कार्यों या किसी भी व्यवसाय को शुरु करने से पहले महालक्ष्मी से पहले श्री गणेश का नाम लिया जाता हैं इसके अलावा लक्ष्मी गणेश की एक साथ पूजा करने से एक और प्रचलित कथा जुड़ी मानी जाती हैं। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं क्यों होती हैं लक्ष्मी गणेश की साथ में पूजा, तो आइए जानते हैं। दिवाली की रात लक्ष्मी गणेश की साथ में क्यों होती हैं पूजाबता दें कि एक बार एक वैरागी साधु को राजसुख भोगने की इच्छा जागृत हो गई, इसके लिए उसने मां लक्ष्मी की पूजा शुरू कर दी। कड़ी तपस्या और आराधना से महालक्ष्मी प्रसन्न हुई औश्र उसे दर्शन देकर वरदान दिया कि उसे उच्च पद और मान सम्माान प्राप्त होगा। इसके बाद वह साुध राज दरबार में पहुंचा, वरदान मिलने से उसे अभिमान हो गया था। उसने भरे दरबार में राजा को धक्का मारा जिससे राजा का मुकुट नीचे गिर गया। दिवाली की रात लक्ष्मी गणेश की साथ में क्यों होती हैं पूजामगर इसी बीच राजा के गिरे हुए मुकुट से एक कालानाग निकल कर बाहर आया। सभी चौंक गए और साधु को चमत्कारी समझकर उसकी जय जयकार करने लगे। वही राजा ने प्रसन्न होकर साधु को अपना मंत्री बना दिया। उस साधु को रहने के लिए महल दिया गया। राजा को एक दिन वह साधु भरे दरबार से हाथ खींचकर बाहर ले गया। यह देख दरबारी जन भी पीछे भागे। सभी के बाहर जाते हैं भूकंप आया और भवन खण्डहर हो गया। लोगो को लगा कि साधु ने सबकी जान बचाई इसके बाद साधु का सम्मान और भी अधिक बढ़ गया। वही अब वैरागी में अहंकार और भी बढ़ गया।दिवाली की रात लक्ष्मी गणेश की साथ में क्यों होती हैं पूजा

वही राजा के महल में एक गणेश जी की मूर्ति थी। एक दिन साधु ने यह कहकर वह प्रतिमा हटवा दिन कि यह देखने में बिल्कुल अच्छी नहीं हैं कहा जाता हैं कि साधु के इस कार्य से गणेश रुष्ठ हो गए। उसी दिन से उस मंत्री बने साधु की बुद्धि भ्रष्ट होना शुरू हो गई और वह ऐसे कार्य करने लगा जो लोगो की नजरों में बुरे थे।दिवाली की रात लक्ष्मी गणेश की साथ में क्यों होती हैं पूजा इसे देखते हुए राजा ने उस साधु से नाराज होकर उसे कारागार में डाल दिया। साधु के जेल में एक बार फिर से लक्ष्मी की आराधन करने लगा। लक्ष्मी जी ने दर्शन देर उससे कहा तुमने श्री गणेश का अपमान किया हैं। इसके लिए श्री गणेश की आराधना करे उन्हें प्रसन्न करें। साधु गणेश जी की आराधना करने लगा। उसकी इस आराधना से गणेश का क्रोध शांत हो गया। इस घटना के बाद से मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा एक साथ होने लगी।

जिस तरह त्योहार को मनाने के पीछे एक कहानी होती हैं उसी तरह से पूजा विधियों के पीछे भी कोई ना कोई कारण ​छुपा हुआ होता हैं जैसे कि दिवाली की रात लक्ष्मी गणेश की पूजा एक साथ क्यों की जाती हैं इस पूजा विधि से कई पौरा​णिक कथाएं जुड़ी हुई मानी जाती हैं एक पौराणिक कथा के मुताबिक महालक्ष्मी ने भगवान श्री गणेश को पुत्र मानकर गोद लिया था। दिवाली की रात लक्ष्मी गणेश की साथ में क्यों होती हैं पूजा

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