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नरक चतुर्दशी और हनुमान जयंती एक साथ

धनतेरस के बाद शनिवार यानी की आज छोटी दिवाली का पर्व मनाया जाएगा। मान्यताओं के मुताबिक इस दिन दीपक जलाकर पूरे घर में घुमाकर उन्हें बाहर चौखट पर रखने की परंपरा हैं इससे घर में सुख समृद्धि का वास होता हैं, इस दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती हैं। हनुमान जी की विधि विधान से पूजन करने से व्यक्ति को लाभ प्राप्त हो सकता हैं।
नरक चतुर्दशी और हनुमान जयंती एक साथ

आपको बता दें, कि हिंदू धर्म का महापर्व यानी की दिवाली का आरंभ हो चुका हैं वही धनतेरस के बाद शनिवार यानी की आज छोटी दिवाली का पर्व मनाया जाएगा। मान्यताओं के मुताबिक इस दिन दीपक जलाकर पूरे घर में घुमाकर उन्हें बाहर चौखट पर रखने की परंपरा हैं इससे घर में सुख समृद्धि का वास होता हैं नरक चतुर्दशी और हनुमान जयंती एक साथवही 26 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी। इस दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती हैं। हनुमान जी की विधि विधान से पूजन करने से व्यक्ति को लाभ प्राप्त हो सकता हैं। जबकि नरक चतुर्दशी पापों से मुक्ति और नरक से मुक्ति दिलाने का दिन माना जाता हैं।नरक चतुर्दशी और हनुमान जयंती एक साथ

हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक सूर्योदय से पहले स्नान किया जाात हैं गंगा स्नान करना और भी शुभ माना गया हैं। इससे पहले शरीर की तिल के तेल से मालिश करनी चाहिए। ऐसा माना जाता हैं कि इस तेल में लक्ष्मी और घर के जल में गंगा का निवास होता हैं। वही ज्योतिष के मुताबिक ​दीपक, जीवन से अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर जीवन में ज्ञान के प्रकाश का प्रतीक हैं।नरक चतुर्दशी और हनुमान जयंती एक साथ दिवाली के दिन परंपरा के मुताबिक तिल के तेल के सात, 11, 21 या इनसे अधिक दीपक प्रज्वलित करके एक थाली में रखकर पूजन करने का विधान हैं। इसके बाद घर की महिलाएं अपने हाथ से सोने चांदी के आभूषाण आदि सुहाग की संपूर्ण सामग्री लेकर महालक्ष्मी को अर्पित करती हैं।नरक चतुर्दशी और हनुमान जयंती एक साथ दिवाली की रात महालक्ष्मी के सामने साबुत धनिया रखकर पूजा की जाती हैं अगले दिन इस साबुत धनिया को गमले में या बाग में बिखेरे ने की परंपरा हैं माना जाता हैं कि साबुत धनिये से स्वस्थ्य पौधा निकल आता हैं जिससे आर्थिक स्थि​ति उत्तम हो जाती हैं।
नरक चतुर्दशी और हनुमान जयंती एक साथ

धनतेरस के बाद शनिवार यानी की आज छोटी दिवाली का पर्व मनाया जाएगा। मान्यताओं के मुताबिक इस दिन दीपक जलाकर पूरे घर में घुमाकर उन्हें बाहर चौखट पर रखने की परंपरा हैं इससे घर में सुख समृद्धि का वास होता हैं, इस दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती हैं। हनुमान जी की विधि विधान से पूजन करने से व्यक्ति को लाभ प्राप्त हो सकता हैं। नरक चतुर्दशी और हनुमान जयंती एक साथ

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