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Rajasthan में लोक कलाकारों के लिए डिजिटल कोविड रीलीफ कॉन्सर्ट सीरीज का शुभारंभ

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पधारो म्हारे देस डिजिटल कोविड रीलीफ कॉन्सर्ट सीरीज का रविवार को उद्घाटन किया। यह कॉन्सर्ट सीरीज राजस्थान की गायिका मनीषा ए. अग्रवाल की संस्था अर्पण फाउन्डेशन की एक पहल है, जो राजस्थान राज्य के लोक कलाकारों का समर्थन करती है। कॉन्सर्ट सीरीज में भाग लेने वाले कलाकारों में महेशा
Rajasthan में लोक कलाकारों के लिए डिजिटल कोविड रीलीफ कॉन्सर्ट सीरीज का शुभारंभ

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पधारो म्हारे देस डिजिटल कोविड रीलीफ कॉन्सर्ट सीरीज का रविवार को उद्घाटन किया। यह कॉन्सर्ट सीरीज राजस्थान की गायिका मनीषा ए. अग्रवाल की संस्था अर्पण फाउन्डेशन की एक पहल है, जो राजस्थान राज्य के लोक कलाकारों का समर्थन करती है। कॉन्सर्ट सीरीज में भाग लेने वाले कलाकारों में महेशा राम एवं समूह-जैसलमेर के मेघवाल; मूमल के लिए प्रसिद्ध बापू खान मिसारी; जोधपुर के लंगास, बून्दू खान और बैंड; चाला मामा प्रोजेक्ट के थानू खान और तारिफ खान; जोधपुर से कालबेलियों की गायन अनुभूति, सुगनी देवी; मेहबूब खान लांगा एवं अन्य शामिल हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि, “यह पहल कई महीनों तक नियमित आजीविका से वंचित कलाकार समुदाय का समर्थन करेगी। कई लोक कलाकार आजीविका के लिए पूरी तरह से अपनी कला पर निर्भर हैं। कोरोना वायरस संकट के दौरान ऐसे लोक कलाकारों का समर्थन करने के लिए यह एक अनूठी अवधारण है। इस तरह की पहल राज्य में कला शैली के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है और वर्चुअल पर्यटन को बढ़ावा दे सकती है।”

मनीषा ए. अग्रवाल, फाउन्डर, अर्पन फाउन्डेशन ने कहा कि, “इस पहल का समर्थन करने के लिए हम माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के अत्यंत आभारी हैं। उन्होंने हमेशा राज्य की कला एवं संस्कृति को बढ़ावा दिया है तथा उनका समर्थन हमारे एवं लोक कलाकारों के लिए बहुत उत्साहजनक है। इस श्रृंखला में जोधपुर, जैसलमेर एवं बाड़मेर के सुदूर भागों के 70 से अधिक कलाकार प्रदर्शन में शामिल होंगे।”

पधारो म्हारे देस का प्रीमियर एपिसोड जैसलमेर के महेशा राम एवं समूह द्वारा गणेश वंदना के साथ हुआ। गेस्ट परफारमेंस के रूप पद्दम भूषण, ग्रैमी अवॉर्ड से सम्मानित पंडित विश्व मोहन भट्ट ने अपनी रचना मोहन वीणा से पधारो म्हारे देस की भूमिका का प्रस्तुतिकरण किया। इसके बाद जोधपुर के लंगास एवं कालबेलियों द्वारा तथा बाड़मेर के मंगणियारों द्वारा लोक संगीत एवं नृत्य प्रस्तुत किया गया।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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