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नागा साधुओं की तरह कुंभ क्यों नहीं जाते अघोरी बाबा, जानें ये क्यों खाते हैं मुर्दों का मास

कुंभ की शुरू आत हो चुकी हैं और नागा साधुओं को कुंभ में हमेशा ही देखा जाता रहा हैं। नागा साधु कुंभ के दौरान भारी तादाद में आते हैं। इस कुंभ के मेले में नागा साधुओं को अपने अखाड़ों में ही देखा जाता हैं। वही कई सारे लोग इन नागा साधुओं से मिलने आते हैं।
नागा साधुओं की तरह कुंभ क्यों नहीं जाते अघोरी बाबा, जानें ये क्यों खाते हैं मुर्दों का मास

कुंभ की शुरू आत हो चुकी हैं और नागा साधुओं को कुंभ में हमेशा ही देखा जाता रहा हैं। नागा साधु कुंभ के दौरान भारी तादाद में आते हैं। इस कुंभ के मेले में नागा साधुओं को अपने अखाड़ों में ही देखा जाता हैं। वही कई सारे लोग इन नागा साधुओं से मिलने आते हैं।नागा साधुओं की तरह कुंभ क्यों नहीं जाते अघोरी बाबा, जानें ये क्यों खाते हैं मुर्दों का मास वही इनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपनी समस्या का हल पाते हैं। मगर ज्यादातर लोग नागा साधु और अघोरी साधु को एक ही समझ लेते हैं। मगर ये अलग अलग होते हैं और इनमें कई सारे अंतर भी होते हैं।नागा साधुओं की तरह कुंभ क्यों नहीं जाते अघोरी बाबा, जानें ये क्यों खाते हैं मुर्दों का मास

इनकी वेशभूष से लेकर इनके तप करने के तरीके, रहन—सहन, साधना और इनकी साधु बनने की प्रक्रिया में बही काफी अंतर देखा जा सकता हैं। भले ही दोनों साधारण साधुओं की तुलना में अलग दिखते हैं। मगर भयावह रूप लोगों को दुविधा में ला देखता हैं यही एक खास वजह कि लोग नागा और अघिरोयों को एक समझ लेते हैं। तो आइए जानते हैं इनके बीच के अंतर के बारे में—नागा साधुओं की तरह कुंभ क्यों नहीं जाते अघोरी बाबा, जानें ये क्यों खाते हैं मुर्दों का मास

नागा और अघोरी साधु दोनो को ही साधु बनने के लिए बहुत कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ता हैं। दोनों साधुओं की परीक्षा को 12 साल का वक्त लगता हैं। वही अंतर यह हैं,कि नागा साधु बनने के लिए नागा आखाड़ों में परीक्षाएं ली जाती हैं। लेकिन अघोरी बनने के लिए श्मशान में तपस्या करनी पड़ती हैं। वही नागा बनने के लिए सबसे पहले एक गुरु का निर्धारित करना पड़ता हैं।नागा साधुओं की तरह कुंभ क्यों नहीं जाते अघोरी बाबा, जानें ये क्यों खाते हैं मुर्दों का मास यह गुरु नागा अखाड़े का कोई भी बड़ा विद्वान हो सकता हैं। उसकी देखरेख करके ही उसकी सेवा करके कठिन परिश्रम से ही नागा साधु के अगे पड़ाव पर पहुंचा जा सकता हैं। नागा साधुओं की तरह कुंभ क्यों नहीं जाते अघोरी बाबा, जानें ये क्यों खाते हैं मुर्दों का मास

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