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धनतेरस पर खरीदारी का ये है शुभ मुहूर्त

धनतेरस पांच दिनों तक चलने वाले दिवाली महापर्व का पहला दिन माना जाता हैं इस बार यह त्योहार 25 अक्टूबर यानी की आज मनाया जा रहा हैं ऐसी मान्यताएं हैं कि इसी दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। समुद्रमंथन के दौरान पैदा हुए भगवान धन्वंतरि के हाथ में अमृत कलश था। धनतेरस पर बर्तन की खरीदारी करने की परंपरा हैं
धनतेरस पर खरीदारी का ये है शुभ मुहूर्त

धनतेरस का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता हैं वही धनतेरस पांच दिनों तक चलने वाले दिवाली महापर्व का पहला दिन माना जाता हैं इस बार यह त्योहार 25 अक्टूबर यानी की आज मनाया जा रहा हैं ऐसी मान्यताएं हैं कि इसी दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। वही समुद्रमंथन के दौरान पैदा हुए भगवान धन्वंतरि के हाथ में अमृत कलश था। धनतेरस पर खरीदारी का ये है शुभ मुहूर्त वही धनतेरस पर बर्तन की खरीदारी करने की परंपरा हैं और ऐसा भी कहा जाता हैं कि इस जो भी मनुष्य आज के दिन नई वस्तुओं को घर लाता हैं उसमें 13 गुना की वृद्धि होती हैं धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में नई वस्तुओं की खरीदारी करनीा सभी के लिए लाभकारी होता हैं इस दिन बर्तन, सोने चांदी की वस्तुएं सबसे अधिक खरीदी जाती हैं। वही आज हम आपको बताने जा रहे हैं धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त, तो आइए जानते हैं।धनतेरस पर खरीदारी का ये है शुभ मुहूर्त

धनतेरस पर भगवान धन्वतंरि, महालक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाती हैं धनतेरस के दिन सोना चांदी खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता हैं धनतेरस पर भगवान धन्वतंरि की पूजा करने से कई तहर के रोगो से भी छुटकारा मिल जाता हैं। क्योंकि भगवान धन्वतंरि आयुर्वेद के जनक माने जाते हैं।धनतेरस पर खरीदारी का ये है शुभ मुहूर्त

आज करें धनतेरस मंत्र का जाप—
गृहस्थों को इसी अवधि के मध्य ‘ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः। मंत्र से षोडशोपचार विधि द्वारा पूजन करना चाहिए। धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा होती हैं और शाम के वक्त घर के मेन गेट पर दोनों ओर दीपक भी जलाया जाता हैं।धनतेरस पर खरीदारी का ये है शुभ मुहूर्त

जानिए धनतेरस का शुभ मुहूर्त और पंचांग—
धनतेरस तिथि 25 अक्टूबर
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ— शाम 7 बजकर 8 मिनट
त्रयोदशी तिथि समाप्त— 26 अक्टूबर दोपहर 3 बजकर 36 मिनट परधनतेरस पर खरीदारी का ये है शुभ मुहूर्त

धनतेरस पूजा मुहूर्त— 25 अक्टूबर 2019
शाम 7: 08 मिनट से 08: 14 तक
प्रदोष काल— शाम 05:38 मिनट से रात 08:13 तक
वृषभ काल— शाम 06:50 मिनट से रात 08:45 मिनट तक

धनतेरस पांच दिनों तक चलने वाले दिवाली महापर्व का पहला दिन माना जाता हैं इस बार यह त्योहार 25 अक्टूबर यानी की आज मनाया जा रहा हैं ऐसी मान्यताएं हैं कि इसी दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। समुद्रमंथन के दौरान पैदा हुए भगवान धन्वंतरि के हाथ में अमृत कलश था। धनतेरस पर बर्तन की खरीदारी करने की परंपरा हैं धनतेरस पर खरीदारी का ये है शुभ मुहूर्त

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