Samachar Nama
×

देवशयनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये काम

देवशयनी एकादशी पर एक गमले में सुबह के वक्त छोटा केले का पौधा लगाएं। घर की उत्तर पूर्व दिशा में केले के पौधे को रख कर रोली मोली, पीले फल, पुष्प, केसर, धूप, दीप आदि से पूजा अर्चना अवश्य करें। एक शुद्ध आसन पर बैठकर गाय के घी का दीपक हल्दी का स्वस्तिक बनाकर उस पर रखकर जलाएं। देवशयनी के चातुर्मासीय व्रतों में पलंग पर सोना, भार्या का संग करना, झूठ बोलना, मांस, शहद, मूली, पटोल और बैगन आदि का सेवन वर्जित माना जाता हैं।
देवशयनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये काम

हिंदू धर्म में एकादशी को बहुत ही खास और महत्वपूर्ण माना जाता हैं वही सभी व्रतों में आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी का व्रत सबसे उत्तम होता हैं वही यह भी मान्यता हैं कि इस व्रत को करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं और उनके सभी पापों का भी नाश होता हैं

देवशयनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये काम

वही इस साल देवशयनी एकादशी 12 जुलाई यानी की आज मनाई जा रही हें देवशयनी एकादशी को हरिशयनी एकादशी और पद्मनाभा भी कहा जाता हैं। वही इसी रात्रि से भगवान का शयन काल आरंभ हो जाता हैं जिसे चातुर्मास या चौमासा का प्रांरभ भी कहा जाता हैं।देवशयनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये काम

देवशयनी एकादश के दौरान रखें ये सावधानी—
बता दें, कि देवशयनी एकादशी पर सूर्य उदय से पहले उठने का प्रयास अवश्य करें। वही घर में लहसुन प्याज और तामसिक भोजन बिल्कुल भी ना बनाएं और ना ही खरीद कर घर लाएं। एकादशी की पूजा पाठ में सफाई का विशेष ध्यान रखें देवशयनी एकादशी के व्रत विधान में घर परिवार के सभी लोग शामिल हो। वही पूजा पाठ की सभी सामग्री शुद्ध और साफ होना बहुत ही जरूरी हैं। वही पूजा में पीले फल और पुष्प अवश्य ही शामिल करें।

देवशयनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये काम

घर में सुख शांति और समृद्धि के लिए ऐसे करें पूजा पाठ—
देवशयनी एकादशी पर एक गमले में सुबह के वक्त छोटा केले का पौधा लगाएं। घर की उत्तर पूर्व दिशा में केले के पौधे को रख कर रोली मोली, पीले फल, पुष्प, केसर, धूप, दीप आदि से पूजा अर्चना अवश्य करें। एक शुद्ध आसन पर बैठकर गाय के घी का दीपक हल्दी का स्वस्तिक बनाकर उस पर रखकर जलाएं।देवशयनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये काम

आज ये काम भूलकर भी न करें—
देवशयनी के चातुर्मासीय व्रतों में पलंग पर सोना, भार्या का संग करना, झूठ बोलना, मांस, शहद, मूली, पटोल और बैगन आदि का सेवन वर्जित माना जाता हैं।

देवशयनी एकादशी पर एक गमले में सुबह के वक्त छोटा केले का पौधा लगाएं। घर की उत्तर पूर्व दिशा में केले के पौधे को रख कर रोली मोली, पीले फल, पुष्प, केसर, धूप, दीप आदि से पूजा अर्चना अवश्य करें। एक शुद्ध आसन पर बैठकर गाय के घी का दीपक हल्दी का स्वस्तिक बनाकर उस पर रखकर जलाएं। देवशयनी के चातुर्मासीय व्रतों में पलंग पर सोना, भार्या का संग करना, झूठ बोलना, मांस, शहद, मूली, पटोल और बैगन आदि का सेवन वर्जित माना जाता हैं। देवशयनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये काम

Share this story

Tags