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Dev deepawali katha: कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही क्यों मनाते हैं देव दीपावली, जानिए यहां

हिंदू धर्म सभी व्रत त्योहारों को विशेष महत्व दिया जाता हैं वही कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को शिव शंकर की नगरी काशी यानी बनारस में देव दीपावली मनाई जाती हैं इस बार देव दीपावली 29 नवंबर दिन रविवार को पड़ रही हैं देव दीपावली के दिन शिव और मां गंगा की पूजा अर्चना पूरे
Dev deepawali katha: कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही क्यों मनाते हैं देव दीपावली, जानिए यहां

हिंदू धर्म सभी व्रत त्योहारों को विशेष महत्व दिया जाता हैं वही कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को शिव शंकर की नगरी काशी यानी बनारस में देव दीपावली मनाई जाती हैं इस बार देव दीपावली 29 नवंबर दिन रविवार को पड़ रही हैं देव दीपावली के दिन शिव और मां गंगा की पूजा अर्चना पूरे विधि विधान के साथ की जाती हैं Dev deepawali katha: कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही क्यों मनाते हैं देव दीपावली, जानिए यहांसंध्या के समय में गंगा आरती होती हैं देवी दीपावली के संदर्भ में वैसे तो कई पौराणिक कथा प्रचलित हैं इसमें एक कथा महर्षि विश्वामित्र और दूसरी भगवन शिव से जुड़ी मानी जाती हैं तो आज हम आपको उस कथा के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।Dev deepawali katha: कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही क्यों मनाते हैं देव दीपावली, जानिए यहां

एक कथा के मुताबिक एक बार महर्षि विश्वामित्र ने देवताओं की सत्ता को चुनौती दे दी। उन्होंने अपने तप के बल से त्रिशंकु को सशरीर स्वर्ग भेज दिया। यह देखकर देवता अचंभित रह गए। विश्वामित्र जी ने ऐसा करके उनको एक प्रकार से चुनौती दे दी थी। इस पर देवता त्रिशंकु को वापस पृथ्वी पर भेजन लगे। जिसे विश्वमित्र ने अपना अपमान समझा। उनको यह हार स्वीकारी नही थी। Dev deepawali katha: कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही क्यों मनाते हैं देव दीपावली, जानिए यहांतब उन्होंने अपने तपोबल से उसे हाव में ही रोक दिया और नई स्वर्ग और सृष्टि की रचना प्रारंभ कर दी। इससे देवता भयभीत हो गए। उन्होंने अपनी गलती की क्षमायाचना और विश्वामित्र को मनाने के लिए उनकी स्तुति शुरू कर दी। देवता सफल हुए और विश्वामित्र उनकी प्रार्थना से प्रसन्न हो गए। उन्होंने दूसरे स्वर्ग और सृष्टि की रचना बंद कर दी। इससे सभी देवता प्रसन्न हुए और उस दिन उन्होंने दिवाली मनाई जिसे आज भी देव दीपावली कहा जाता हैं। Dev deepawali katha: कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही क्यों मनाते हैं देव दीपावली, जानिए यहां

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