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देवताओं ने क्यों जलाए थे गंगा किनारे घी के दीपक

दिवाली के 15 दिनों बाद देव दीपावली का त्योहार मनाया जाता हैं हिंदू शास्त्रों के मुताबिक इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था। त्रिपुरासुर का वध करने के लिए भगवान शिव ने माता शक्ति और मां भैरवी का तप किया था। वही देवी दीपावली इस साल 12 नवंबर यानी की कल मनाई जाएगी।
देवताओं ने क्यों जलाए थे गंगा किनारे घी के दीपक

कार्तिक मास की पूर्णिमा को देव दीपावली का पर्व मनाया जाता हैं। देव दीपावली का अर्थ होता हैं देवी देवताओं द्वारा मनाई जाने वाली दिवाली। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाए जाने की मान्यता काफी पुरानी हैं इस बार यह पर्व 12 नवंबर के दिन मनाया जाएगा। इस पर्व की सबसे ज्यादा रौनक काशी में देखने को मिलती हैं। तो आज हम आपको देव दीपावली से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।देवताओं ने क्यों जलाए थे गंगा किनारे घी के दीपक

दिवाली के 15 दिनों बाद देव दीपावली का त्योहार मनाया जाता हैं हिंदू शास्त्रों के मुताबिक इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था। त्रिपुरासुर का वध करने के लिए भगवान शिव ने माता शक्ति और मां भैरवी का तप किया था। वही देवी दीपावली इस साल 12 नवंबर यानी की कल मनाई जाएगी।देवताओं ने क्यों जलाए थे गंगा किनारे घी के दीपक इसकी शुरुआत का शुभ समय शाम 5 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगा और यह पूजा 7 बजकर 48 मिनट तक चलेगी। इसके अलावा पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 11 नवंबर को शाम 6 बजकर 2 मिनट से अलग दिन शाम 7 बजकर 4 मिनट तक रहेगा।देवताओं ने क्यों जलाए थे गंगा किनारे घी के दीपक

जानिए बनारस में क्यों मनाई जाती हैं देव दीपावली—
जैसा कि सभी जानते हैं कि काशी भगवान शिव की नगरी हैं ऐसे में देवी देवताओं ने अपनी प्रसन्नता को जाहिर करने के लिए भगवान शिव की काशी को जगमग करने का सोचा। मान्यता यह भी हैं कि इस दिन देवी देवता खुद आकर गंगा के किनारे दीपमाला करते हैं। वही पूजा के दिन सुबह गंगा नदी पर जाकर स्नान करें। स्नान के बाद दीप जलाएं। गंगा माता की पूजा करें, आरती करें और वहां बैठे जरूरत मंद लोगों को भोजन कराएं। देवताओं ने क्यों जलाए थे गंगा किनारे घी के दीपक

दिवाली के 15 दिनों बाद देव दीपावली का त्योहार मनाया जाता हैं हिंदू शास्त्रों के मुताबिक इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था। त्रिपुरासुर का वध करने के लिए भगवान शिव ने माता शक्ति और मां भैरवी का तप किया था। वही देवी दीपावली इस साल 12 नवंबर यानी की कल मनाई जाएगी। देवताओं ने क्यों जलाए थे गंगा किनारे घी के दीपक

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