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हताशा हाथ लगना ही नहीं हैं युवा का आत्महत्या का कारण

जयपुर। आज कर मरना बहुत ही आसान काम हो गया है। दुनिया में कुछ लोगों को कुछ काम नहीं होता तो वह आत्महत्या ही कर लेते है। हाल ही दिल्ली में एक ही परिवार के 11 लोगों ने मोक्ष पाने के चक्कर में आत्महत्या कर ली। मतलब अंधविशवास कि भी हद होती है। क्या आपने
हताशा हाथ लगना ही नहीं हैं युवा का आत्महत्या का कारण

जयपुर। आज कर मरना बहुत ही आसान काम हो गया है। दुनिया में कुछ लोगों को कुछ काम नहीं होता तो वह आत्महत्या ही कर लेते है। हाल ही दिल्ली में एक ही परिवार के 11 लोगों ने मोक्ष पाने के चक्कर में आत्महत्या कर ली। मतलब अंधविशवास कि भी हद होती है। क्या आपने कभी सोचने की कोशिश की है की लोग आखिर आत्महत्या क्यों कर लेते है उनको इतनी हिम्मत कहां से आती है। जिंदगी की मुश्किलों से निराश होकर लोग खुदकुशी करते है और आजकल के युवाओं में पाई जाने वाली यह एक सबसे बड़ी समस्या है।हताशा हाथ लगना ही नहीं हैं युवा का आत्महत्या का कारण

इस विषय पर शोधकर्ताओं के मुताबिक अपनी जान लेने के पीछे एक और वजह बताई है। आपने देखा होगा की ज्यादातर मामलों में दिल का टूटना, या असफलता के कारण लोग खुदकुशी कर लेते हैं। युवा अपने रिश्तों को सही तरह से नहीं संभाल पाने के कारण खुदकुशी कर लेते हैं। इससे वो मानसिक से जुड़ी कई बीमारीयों का शिकार हो जाता हैं।  वैज्ञानीकों के अनुमान के मुताबिक भारत में हर साल 1.35 लाख से अधिक लोग खुदकुशी करते हैं। आत्महत्या करने वालों में से लगभग 20,000 लोगों का दिल टूट चुका होता है।हताशा हाथ लगना ही नहीं हैं युवा का आत्महत्या का कारण

इसमें किसान भी सम्मिलित है हताशा हाथ लगने से इंसान को लगता है की अब उसके पास कोई रास्ता नहीं है। तो बस उन्हें मौका मिल जाता है। इसलिए न्यूजीलैंड में जन्मे और ब्रिटेन और अमेरिका में कार्य करने के बाद डॉक्टर भट्ट अब बेंगलुरु में जो लोग मानसिक बीमारीयों से जूझ रहे है और जो अवसाद से ग्रस्त हैं। उनका इलाज कर रहे हैं। उनकों जिंदगी जीने का सलीका सीखा रहे है। ताकी उनके मन में आत्महत्या का विचार ना आये।हताशा हाथ लगना ही नहीं हैं युवा का आत्महत्या का कारण

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