जीका वायरस भी डरता है पूर्व डेंगू के मरीज से
जयपुर। मनुष्य वर्तमान में सभी रोगों से परेशान हो रखा है। पर हाल ही में सबसे ज्यादा परेशानी की वजह जीका वायरस को बताया जा रहा है। सभी लोग इससे डर रहे है। लेकिन ताजा खबरों के मुताबिक बताया गया है कि जिन लोगों को पहले डेंगू हो चुका है उन्हें जीका का खतरा काफी कम होता है।
ये बात ब्राजील में किये गये एक शोध के बाद सामने आयी है। इसमें इमर्जिंग इंफक्शन डिजिज नामक एक जर्नल के अनुसार वैज्ञानिकों ने कहा है कि अध्ययन के दौरान उन्होंने जब डेंगू के मरीजों का जीका के मरीजों के साथ रखा तो पाया कि जीका का डेंगू के मरीजों पर कोई असर नहीं हो पा रहा है। इसी के विपरीत वैज्ञानिक बताते है कि गर्भवती महिलाओं में जीका वायरस के फैलने का खतरा ज्यादा होता है।
वैज्ञानिक बताते है कि जीका वायरस एक बड़ा ही खतरनाक वासरस होता है। अगर जीका वायरस इंफेक्शन किसी गर्भवती औरत को हो जाता है, तो ये उसके बच्चे के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। इसका असर बच्चे पर इस प्रकार बताया गया है कि जीका को प्रकोप से बच्चे के मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ता है।
इसके साथ ही उसके सिर की संरचना भी प्रभावित होती है। जीका वायरस के बारे में डॉक्टर बताते है कि ये एडीज प्रजाति के मच्छर के काटने से इंसानों के शरीर में आते हैं। अगर कोई जीका वायसर प्रभावित मरीज के साथ संबंध भी बनाता है,तो ये वायरस इसके माध्यम से दूसरे के शरीर में प्रवेश कर जाता है।
इसके लक्षण में बताया गया है कि जीका से पीड़ित होने पर शरीर पर दाने, तेज सिरदर्द, जोड़ो का दर्द और तेज जुकाम, बुखार आ जाता है। वैज्ञानिकों ने डेंगू के मरीज के जीका वायरस का असर न होने कारण बताया है कि डेंगू का मरीज डेंगू से बचने के लिए जो एंटीबॉडीज बनाता है। वही बाद में जीका वायरस पर भारी पडती है।