CAG की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, दसॉ एविएशन ने पूरी नहीं की राफेल करार की शर्तें
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने ऑफसेट से जुड़ी नीतियों को लेकर रक्षा मंत्रालय की आलोचना की है। इस प्रावधान के तहत सरकार ने फ्रांस की दसॉ एविएशन कंपनी से 36 राफेल विमानों को लेकर डील की है। कैग ने एक रिपोर्ट में कहा कि इस फ्रेंच फ्रम ने अभी तक डिेफेंस रिसर्च और डवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन के प्रति अपने ऑफसेट शर्तों को पूरा नहीं कर सकी है।
ऑफसेट प्रावधानों के तहत यह शर्त है कि किसी भी विदेशी कंपनी के साथ हुई डील का कुछ हिस्सा भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की तरह आना चाहिए। इसके तहत टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, मैन्यूफैक्चरिंग या फिर नौकरियां पैदा करने से संबंधित जिम्मेदारी शामिल है। सीएजी ने संसद में पेश की अपनी रिपोर्ट में कहा कि 36 मीडियम मल्टी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट से जुड़े चार समझौतों के तहत दसॉ एविएशन और एमबीडीए ने 2015 में प्रस्ताव रखा था कि वो 30 प्रतिशत दायित्वों का पालन डीआरडीओ को उच्च श्रेणी की तकनीक देकर पूरा करेगी।
सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि DRDO को हल्के लड़ाकू विमान के लिए इंजन को देश में ही विकसित करनेके लिठए उनसे तकनीकी मदद चाहिए थी। लेकिन वेंडर ने इस टेक्नोलॉजी को ट्रांसफर करने को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं किया है। रिपोर्ट में कहा कि रक्षा मंत्रालय को इस नीति की समीक्षा करने की आवश्यकता है। बता दें कि भारत ने फ्रांस की इस कंपनी से 36 राफेल जेट के लिए 58,000 करोड़ रुपये की डील की है।
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